GOPALGANJ : सदर प्रखंड के बिशुनपुर गांव निवासी एक कलयुगी बेटे ने अपने ही वृद्ध मां बाप को घर से निकाल दिया है। जिससे वृद्ध मां बाप बिशनपुर गांव के पास बांध पर शरण लेकर जीवन गुजारने को बाध्य हैं। ग्रामीणों द्वारा उसे खाने पीने का सामान दिया जा रहा है। लेकिन उसके बहु द्वारा दिये जा रहे गाली के कारण ग्रामीण अब उसका मदद चाह कर भी नही कर पा रहे है। दरअसल बताया जा रहा है कि बिशुनपुर गांव निवासी 70 वर्षीय दरोगा सहनी पिछले 15 वर्षो से कुष्ठ रोग से ग्रासित है।
एकलौता बेटा भिखन सहनी कुछ वर्षों तक ईलाज करवाया। लेकिन पिछले दो तीन माह से उसे घर से निकाल दिया। जिससे दोनों वृद्ध दम्पती इधर इधर भटके और अंत मे एक सरकारी स्कूल में।शरण ले लिए। लेकिन स्कूल खुलने के बाद अब ये दम्पती बाँध पर चिलचिलाती धूप व बारिश में एक प्लास्टिक के सहारे जीवन गुजारने को विवश है। बहरहाल ये वृद्ध दम्पती ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि जिस बेटे के लिए उसने ईश्वर से मन्नत मांगा था। जन्म के बाद घर मे खुशियां मनाई थी। ताकि वह एक दिन बुढ़ापे का सहारा बनेगा। लेकिन सहारा बनने के बजाए उसके लिए अभिशाप बन गया। उस कलयुगी बेटे ने उसे उसके हालात पर छोड़ दिया। माँ महंगी देवी के आंखों से गिर रहे आंसू शायद इसी बात का गवाही दे रहा है कि उसे ना जाने किस कर्म का फल मिल रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि दरोगा सहनी कुष्ठ रोग से ग्रसित है। लेकिन उसका बेटा छुआछूत को लेकर घर से निकाल दिया और ऐसे जगह पर लाकर छोड़ दिया। जहां सुनसान इलाका ना पानी की व्यवस्था है और नाही खाने को ही कुछ देता है। 4 दिनों से इस दंपति ने कुछ भी नहीं खाया हैं। इनकी बहू भी लगातार गालिया देती है। इससे हम लोग चाहकर भी नहीं कुछ कर पा रहे हैं। आरोपी बेटा भिखन सहनी से जब बात की गई तो उसने बताया कि 15 वर्षो से कुष्ठ रोग है। काफी ईलाज करवाया ठीक नही हुआ। शौच जाने में दिक्कत होती है।इसलिए बाँध पर प्लास्टिक लगाकर रख दिये है। खाना पीना भी दिया जाता है।
गोपालगंज से मनान अहमद की रिपोर्ट