PATNA : मंगलवार को बिहटा के अमहरा स्थित नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज सह हॉस्पिटल में बीते दो माह पूर्व 30 अप्रैल को जन्मे कमजोर जच्चा को स्वस्थ कर चिकित्सकों ने उनके घर भेजा है. दो महीने के बाद स्वस्थ होकर घर लौट रहे बच्चे के पिता सह आईआईटी पटना के फेकल्टी डॉ प्रधान और उनकी पत्नी सावित्री प्रधान ने कहा की मुझे उम्मीद ही नहीं थी कि वह जीवित बचेगा. आज उसको स्वस्थ देखकर मेरा पूरा परिवार काफी खुश है. उन्होंने अस्पताल के चिकित्सक, वार्डन सहित अस्पताल के प्रबंधक को बधाई देते हुए कहा कि सुदूर इलाके में इस तरह अत्याधुनिक उपकरण और समुचित इलाज क्षेत्र के लिये वरदान है. उन्होंने कहा की 11 साल बाद मेरे घर मे बच्चा जन्म लिया था. लेकीन बच्चे के जन्म लेने के बाद ही समस्या उत्पन्न हो गयी, जिससे पूरा परिवार सदमे में था. आज इस अस्पताल ने मेरे जीवन में फिर से ज्योति जला दी है. बच्चे का नाम भी जीवन ज्योति रखे है.
बच्चे से जुड़ी सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि जन्म के वक्त बच्चे का वजन महज 780 ग्राम था। दरअसल, प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे का वजन बढ़ नहीं रहा था और डॉक्टरों को डर था कि बच्चे को बचाना मुमकिन नहीं होगा. लिहाजा प्रेग्नेंसी के 31वें हफ्ते में सी-सेक्शन के जरिए बच्चे का जन्म हुआ. जन्म के वक्त बच्चा इतना छोटा था कि वह किसी वयस्क व्यक्ति की हथेली में समा सकता था. लेकिन जन्म के दो महीने तक बच्चे का लगातार इलाज चला और अब उसका वजन 2 किलोग्राम है और बच्चा और जच्चा दोनों स्वस्थ है. सामान्य तरीके से फीडिंग कर रहा है और उसे आज अस्पताल से छुट्टी भी मिल गई है. डॉक्टरों की मानें तो यह बिहार में पैदा होने वाला सबसे कम वजन का शिशु था.
वही बच्चे का इलाज करने वाले अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ अरविन्द प्रसाद और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विनोद शंकर,डॉ शम्भू, डॉ क्षितिज,डॉ सचिन,डॉ रजनीश,डॉ रामानुज बताते है कि उस समय बच्चा इतना कमजोर था की उसका बचना मुश्किल था. उस समय पटना जिले में यह सबसे कम वजनी बच्चे का जन्म था. उसी समय बच्चे को एफबीएनसी में भर्ती किया गया. बच्चें को स्वस्थ रखना सबसे बड़ी चुनौती था.
कमजोर होने के कारण बच्चे को जन्म के बाद नली से दूध पिलाया गया. सांस की तकलीफ पर ऑक्सीजन दी गई. दो महीने बाद आज मंगलवार को बच्चे छुट्टी दी गई है. लेकिन इसके बाद भी बच्चे का हर महीने नियमित चेकअप किया जाएगा. बच्चे को पौष्टिक आहार के लिए भी माता-पिता को गाइड किया है.