मधुबनी... नए साल में जयनगर बॉर्डर समेत मिथिलांचलवासियों को सरकार ने तोहफा दिया है। किसानों की बल्ले-बल्ले होने वाली सरकार ने कमला बियर को बराज में तब्दील करने को लेकर टेंडर प्रकाशित कर दिया है। 312.95 करोड़ की लागत से पुरानी कमला बियर को अत्याधुनिक कमला बराज में तब्दील किया जाएगा। इस बराज के बनने से मधुबनी जिले में 44960 हेक्टेयर क्षेत्र में अच्छी सिंचाई की व्यवस्था हो जाएगी।
बराज का निर्माण हो जाने से पहले की तरह जिले के कई प्रखंडों को कमला के कारण भीषण बाढ़ का सामना नहीं करना पड़ेगा। हर साल बाढ़ से होने वाले नुकसान से मुक्ति मिलेगी। दशकों से बाढ़ से जूझ रहे लाखों-करोड़ों लोगों को बाढ़ की त्रासदी का सामना नहीं करना पड़ेगा। बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग ने कमला बियर को 312.95 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक बनाने का एस्टीमेट तैयार कर लिया है।
इस योजना को राज्य मंत्रिमंडल में स्वीकृति मिलने के बाद टेंडर को प्रकाशित कर दिया जाएगा। संवेदक को 2 साल में कमला ब्रिज के निर्माण कार्य को पूरा करना है। पूर्व जल संसाधन मंत्री भेज दिशा में मजबूत पहल की थी जिसका सुखद परिणाम सामने आया है।
इन क्षेत्र के लोगों को मिलेगा फायदा
कमला बियर के बाराज में तब्दील हो जाने से क्षेत्र में सिंचाई की बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी। इससे जयनगर, बासोपट्टी, खजौली, लदनिया, कलुआही और हरलाखी प्रखंड के हजारों किसान लाभान्वित होंगे। उन्हें बाढ़ के कहर का सामना नहीं करना पड़ेगा। जुलाई 2019 में कमला नदी में आई भीषण बाढ़ के कारण कमला बियर के डेक स्लैब के ऊपर से बाढ़ का पानी प्रभावित हो गया था।
इससे बियर के दाएं और बाएं मार्जिनल बांध में दरार आ गया था और लोगों में दहशत हो गया था। इसके बाद जल संसाधन विभाग की ओर से आईटीआई रुड़की के जाने-माने विशेषज्ञ शर्मा को इसकी जिम्मेदारी दी गई।
जून में मुख्यमंत्री ने कमला बियर की बारिकी से किया था निरीक्षण
जल संसाधन विभाग की ओर से इसका प्रस्ताव तैयार कर उसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ध्यान में लाया गया था। 24 जून 2020 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचकर कमला बियर की बारीकी से निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्हें कमला पर अत्याधुनिक बराज के निर्माण का ऐलान कर दिया था। पुराने बियर में फॉलिंग शटर का प्रावधान है।
कमला बियर का निर्माण कमला नदी के अधिकतम जलश्राव 140000 क्यूसेक के आधार पर किया गया था। जबकि 2019 में बियर पर लगभग 219700 क्यूसेक अधिकतम जलश्राव प्रवाहित हुआ था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बिहार और नेपाल में बने कमला नदी के दोनों तटबंधों को आपस में जोड़ा जाएगा। वहीं करीब 1810 मीटर नए बांध का भी निर्माण किया जाएगा इस योजना पर 41.75 करोड़ रुपए खर्च आने की संभावना है।