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कार्तिक सिंह जाएंगे जेल या मिलेगी बेल, कोर्ट सुनाने वाला है बड़ा फैसला, नीतीश और तेजस्वी दोनों के गले की फ़ांस

कार्तिक सिंह जाएंगे जेल या मिलेगी बेल, कोर्ट सुनाने वाला है बड़ा फैसला, नीतीश और तेजस्वी दोनों के गले की फ़ांस

पटना. नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले कार्तिक सिंह के लिए गुरुवार का दिन बेहद अहम है. अपहरण से जुड़े एक मामले में आरोपी कार्तिक सिंह की जमानत को लेकर अदालत में सुनवाई होनी है. दानापुर की अदालत में कार्तिक सिंह पेश हो सकते हैं. दरअसल, वर्ष 2014 के जिस अपहरण कांड में पूर्व कानून मंत्री कार्तिक सिंह को कोर्ट की नजर में फरारी बताया जा रहा है उसमें उन्हें अदालत ने ही राहत दी थी. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, तृतीय व्यवहार न्यायालय, दानापुर ने इस मामले में 12 अगस्त 2022 को मोकामा थाना को जारी आदेश में कहा था कि कार्तिकेय सिंह उर्फ़ मास्टर साहेब को 1 सितम्बर 2022 तक no coercive प्रदान किया जाता है. यानी उनके खिलाफ किसी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी. 

1 सितम्बर को अदालत की ओर से मिली मियाद की अवधि खत्म हो रही है. इसलिए उन्होंने अदालत की सुनवाई के पहले 31 अगस्त की शाम ही अपना इस्तीफा दे दिया. बिल्डर राजू के अपहरण से जुड़े इस मामले में कार्तिक सिंह के अलावा मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह सहित उनके कई सहयोगियों को आरोपी बनाया गया है. इसी मामले में कार्तिक सिंह को जमानत नहीं मिली थी. अब दानापुर की अदालत गुरुवार को क्या फैसला देती यह उनके राजनीतिक भविष्य के लिए बेहद अहम होगा. दरअसल, राजू भी फर्जीवाड़े के मामले में इस समय पटना के बेउर जेल में है. उस पर कई लोगों से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है. 

वहीं न्यायालय ने अगर कार्तिक सिंह को बेल दे दी तब तो यह उनके और नीतीश सरकार तथा उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के लिए बड़ी राहत की खबर होगी. अगर ऐसा नहीं हुआ तो यह विपक्षी दल भाजपा के लिए बड़ा मुद्दा बन जाएगा. पहले से ही कार्तिक सिंह मामले को लेकर हमलावर भाजपा इसी बहाने नीतीश सरकार को और ज्यादा घेर सकती है. 

इसी साल पटना क्षेत्र से एमएलसी का चुनाव जीतने वाले कार्तिक सिंह उर्फ़ मास्टर को मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह का नजदीकी माना जाता है. पहली बार एमएलसी का चुनाव जीतने के बाद भी उनके मंत्री बन जाने को राजनीतिक गलियारों में बड़े आश्चर्य के रूप में देखा गया. अपने पेशेवर जीवन की शुरुआत एक शिक्षक के रूप में करने वाले कार्तिक सिंह के कानून मंत्री बनने पर बड़ा विवाद खड़ा हुआ. बाद में बुधवार को उन्हें विधि विभाग के बदले गन्ना विभाग सौंपा गया. हालांकि उन्होंने शाम में अपना मंत्री पद छोड़ दिया. अब गुरुवार को इस मामले में अहम फैसला आएगा. 


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