पटना-हमारे देश में जहां नदियों को पवित्र और महत्वपूर्ण दर्जा दिया जाता है, वहीं गंगा नदी को मां और देवतुल्य कहा गया है. गंगा को हमारे शास्त्रों में बहुत ही पवित्र और पुण्यकारी कहा गया है जिसमें स्नान मात्र से इंसान के सारे पाप धुल जाते हैं. हर साल कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि को गंगा स्नान का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और गंगा में स्नान किया जाता है. शास्त्रों में कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि का खास महत्व है. कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को स्नान और दान के लिए बेहद माना गया है. मान्यता है कि स्नान और दान करने से पाप धुल जाते हैं. यही वजह है कि कार्तिक मास की पूर्णिमा को गंगा स्नान कहा जाता है. इसके अलावा इस दिन दीप दान का भी खास महत्व है.
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा नदी में स्नान करने के लिए बड़हरा प्रखंड के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओ के आने का सिलसिला रविवार की शाम से ही शुरू हो गया है. इस दौरान दूर दराज इलाकों से महिला पुरुष श्रद्धालु अपने निजी वाहनों से गंगा घाट पर पहुचने लगे हैं.
कार्तिक पूर्णिमा के दौरान भीड़ प्रबंधन पर जिला प्रशासन की विशेष नजर है. विधि-व्यवस्था एवं सुचारू यातायात भी प्रशासन की प्राथमिकता है. इसको लेकर डीएम डा. चंद्रशेखर सिंह एवं एसएसपी राजीव मिश्रा ने गंगा घाट के 172 स्थानों पर दंडाधिकारियों एवं पुलिस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की है. डीएम-एसएसपी ने सभी अधिकारियों को संयुक्त आदेश के निर्देशों का अक्षरश: पालन करने का निर्देश दिया है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन देवता गंगा में स्नान करने के लिए पृथ्वी पर आते हैं. ऐसे में इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि इस दिन दान करने से बहुत पुण्य मिलता है. वहीं, अगर आप गंगा स्नान करने नहीं जा सकते तो नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें. इससे गंगा स्नान के समान फल मिलेगा.