देश में कोरोना के बाद से लोग स्वास्थ्य और खानपान को लेकर सजग हुए हैं. पहले के मुकाबले लोगों ने अपने खानपान में काफी दबलाव किए हैं. अब लोग जैविक खाद्य पदार्थ और जैविक फसलों का मोल समझने लगे हैं. इसके बाद से ही किसानों का रुझान जैविक खेती की तरफ बढ़ा है. इसी के साथ आगे बढ़ रहे हैं कटिहार के किसान.
गोमूत्र और गोबर के सहारे रासायनिक खाद मुक्त खेती से जुड़ गए हैं धर्मगंज के 30 किसान. कटिहार सदर अनुमण्डल के धर्मगंज के किसानों ने शुद्ध हरित क्रांति की पहल की है. 30 किसानों ने मिलकर लगभग 30 एकड़ जमीन पर क्लस्टर बनाकर खेती शुरू की है. सभी किसान आली, बैंगन, टमाटर, कद्दू, ओल जैसी सब्जी की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. बड़ी बात यह है कि जैविक क्रांति की ओर अग्रसर ये किसान अपने खेत में कोई रासायनिक या कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं करते हैं. इसके जगह नीम पत्ता, गाय का गोबर और गोमूत्र के सहारे खाद बना कर अपने खेत में इसका इस्तेमाल करते हैं.
किसानों की मानें तो यह लोगों के सेहत के लिए ना सिर्फ पूर्ण रूप से सुरक्षित है, बल्कि सस्ता भी है. यह शुद्ध और फायदेमंद है और इससे मिट्टी और हवा भी प्रदूषित नहीं होती है. जैविक खेती शुरू करने वाले 30 किसान बाकी किसानों को भी प्रोतसाहित कर रहे हैं. जैविक कॉरिडोर के निर्माण और इस्तेमाल से जुड़े पूरे विषय पर विस्तृत जानकारी देते हुए आगे देश हित में किसानों से रासायनिक खाद छोड़कर जैविक खाद के माध्यम से खेती की सलाह दे रहे हैं.