गंगा, महानंदा, कोशी और बागमती नदी से घिरे उत्तर बिहार के छह जिले कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, भागलपुर और खगड़िया बाढ़ के मामले में रेड जोन में आता है. मानसून की पहली दस्तक के साथ ही पड़ोसी देश नेपाल जैसे ही बराज से पानी छोड़ने लगता है, बिहार के यह सभी इलाके बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं.
इस बार बिहार सरकार ने करीब तीन महीने पहले से ही विशेष कार्य योजना शुरू की है. इशके तहत बाढ़ से होने वाले नुकसानों को कम करने की कवायद की जा रही है. इसी कड़ी में बाढ़ प्रबंधन सुधार विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर अनिल कुमार ने इन प्रमुख जिलों के अभियंताओं को एक विशेष प्रशिक्षण दिया, जिससे बाढ़ के दस्तक से पहले ही इससे निपटने रूपरेखा तैयार की जाए.
विशेष प्रशिक्षण के बाद बाढ़ प्रबंधन एवं सुधार विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर ने बताया कि बाढ़ की मुख्य वजह को चिन्हित कर उससे होने वाले नुकसान को कम करने के लिए सभी अभियंता एवं संबंधित कर्मियों के साथ यह विशेष बैठक की गई है. उम्मीद है इससे बाढ़ के खतरे के दौरान होने वाले नुकसान को कम किया जा सकेगा. उन्होनें बताया कि बिहार में दो माह बाद बारिश का मौसम शुरू हो जाएगा. नेपाल में बारिश की शुरूआत से सीधा इसर बिहार को होता है. नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी होती है जो बाढ़ का कारण बनती है. जल संसाधन विभाग का बाढ़ प्रबंधन सुधार सहायक विभाग 2011 से ही बाढ़ प्रबंधन में सुधार की कोशिश कर रहा है. नेपाल में बारिश पर नजर रखी जाती है. जल संसाधन मंत्री औऱ सचिव के निर्देश में यह सभी कार्य होते हैं.