कटिहार। (KATIHAR NEWS) बिहार में भले ही सरकार स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रखने का दावा करती हो, मगर हकीकत इससे कोसों दूर है. आए दिन ऐसी घटनाएं देखने- सुनने को मिल जाती हैं जहां लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण कई लोगों की मौत हो जाती है. इस तरह की खबरें कई बार इतनी दर्दनाक होती हैं कि लोगों को झकझोर कर रख देतीं है. कुछ ऐसा ही मामला एक बार फिर सामने आया है जो सीधे (BIHAR HEALTH) बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े कर रहा है. मौजूदा मामला कटिहार जिले के सुदूर प्रखंड अमदाबाद का है. यहां प्रसव के लिए एक महिला को भैंसगाड़ी के जरिए (KATIHAR HEALTH)अमदाबाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. परिजनों ने बताया कि उन्होनें एंबुलेंस को बुलाया था मगर खराब रास्ते का हवाला देते हुए एंबुलेंस ने आने से मना कर दिया.
भले ही बिहार सरकार ने सभी मरीजों के लिए 102 नंबर की एम्बुलेंस सेवा निःशुल्क कर दी है मगर उसके लिए सही रास्तों को नहीं बनाया. इसी वजह से राज्य के सुदूर प्रखंड के लोग आज भी एंबुलेंस की सेवाओं से दूर हैं. तस्वीरों में हम देख सकते हैं कि किस तरह से प्रसव के लिए तड़प रही महिला को उसके परिजन भैंसगाड़ी में लेकर अमदाबाद के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आते हैं. पूरी घटना के बारे में महिला के पिता नैमुल हक ने बताया कि एंबुलेंस के लिए फोन करने पर उन्होनें खराब रास्तों का हवाला दिया और आने से मना कर दिया. तब मजबूर होकर लोगों को जुगाड़ से भैंसगाड़ी की व्यवस्था करनी पड़ी जिससे ये लोग पीएचसी पहुंचे और महिला को भर्ती कराया.
हालांकि इस मामले पर कटिहार के जिला एंबुलेंस ऑपरेटिंग हेड कहते हैं कि अबतक इस तरह की कोई जानकारी उनके पास नहीं है. अगर 102 नंबर पर फोन जाता तो स्टेट से ही उस आधार पर ड्राइवर को फोन जाता है. जिसके बाद उसको वहां तक जाकर मरीज को लाना ही पड़ता है. हो सकता है जागरूकता के अभाव से 102 नंबर पर फोन नहीं किया गया होगा. ऐसे में यहां प्रचार प्रसार की लापरवाही भी साफ देखी जा सकती है.