DESK. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 75,800 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. आप सरकार का यह लगातार आठवां बजट है. सिसोदिया ने कहा कि 2022-23 का बजट 'रोजगार बजट' है.
सिसोदिया ने अपने बजट भाषण में कहा, दिल्ली की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे कोविड के प्रभाव से उबर रही है. 2022-23 के लिए बजट आवंटन 75,800 करोड़ रुपये है. वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बजट का आकार 69,000 करोड़ रुपये था. 2022-23 के लिए बजट आकार पिछले वर्ष की तुलना में 9.86 प्रतिशत अधिक है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से 2.7 प्रतिशत अधिक है.
उन्होंने कहा है कि यह युवाओं के लिए बहुत जरूरी बजट है इसलिए इसका नाम रोजगार बजट दिया गया है. रोजगार सृजन के लिए सरकार द्वारा होलसेल और रिटेल बाजार, फूड प्रोसेसिंग, लॉजिस्टिक, ग्रीन एनर्जी समेत दूसरे क्षेत्रों की पहचान की गई है. दिल्ली की एक करोड़ 68 लाख में से 55 लाख के पास रोजगार है. दिल्ली में 33% लोगों के पास रोजगार है. यह आंकड़ा लंदन में 58 फीसदी, न्यूयार्क में 52.6 फीसदी, सिंगापुर में 67% है. रोजगार बजट के तहत पांच साल में दिल्ली में यह आंकडा 33 फीसदी से बढ़कर 45 फीसदी हो जाएगा.
2022-23 के लिए 75800 करोड़ का बजट पेश किया गया है, जो 2013-14 बजट के मुकाबले ढाई गुना है.रोजगार बजट में हम जो प्रयास करने जा रहे हैं उससे अगले पांच साल में 20 लाख रोजगार पैदा होंगे. इस बजट से हमारा लक्ष्य आर्थिक विकास के इंजन को सुदृढ़ करना है.मनीष सिसोदिया ने बताया कि सरकार के सफल क्रियान्वयन के फलस्वरूप में दिल्ली में बीते सात साल में एक लाख 78 हजार से ज्यादा युवाओं को नौकरी दी गई है. 1,78,00 में से 51,307 नौकरियां तो पक्के तौर पर सरकारी नौकरियां हैं. यह नौकरियां DSSSB की परीक्षा लेकर दी गई है. 2015 से पहले की सरकारों में ना के बराबर नौकरी दी गई थी. उन्होंने DSSSB के परीक्षा के फॉर्मेट को ठप कर रखा था.
सिसोदिया ने बताया कि इन पक्की नौकरियों में दिल्ली यूनिवर्सिटी में करीब 2500 नौकरियां दी गईं, अस्पतालों में करीब 3000 नौकरियां दी गईं. 25000 नए युवा टीचर को गेस्ट टीचर की नौकरी दी गईं. पिछले सात साल में 24 घंटे बिजली मिली, ईमानदार सरकार काम कर रही है. दिल्ली में लघु व मध्यम आकार के व्यापार में वृद्धि हुई है जिससे प्राइवेट सेक्टर में भी नौकरियां उत्पन्न हुई हैं.