बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

खगड़िया की बेटी स्वराक्षी स्वरा को साहित्य के लिए सरकार से मिला अनुदान, कई मौकों पर मिले अनेकों सम्मान और उपलब्धियां

खगड़िया की बेटी स्वराक्षी स्वरा को साहित्य के लिए सरकार से मिला अनुदान, कई मौकों पर मिले अनेकों सम्मान और उपलब्धियां

KHAGARIA: यह कहना कहीं से भी गलत नहीं है कि बिहारियों में प्रतिभा कूट-कूट कर भरी होती है। देश के उच्च पदों पर भी बिहारी काबिज हैं। इसके अलावा विदेशों में भी बिहारी अपनी विशिष्टता से अमिट छाप छोड़ते हैं। कई बिहारियों ने अपने दम पर अपना लोहा देश-विदेश में मनवाया है। इन्हीं में से एक हैं खगड़िया की बेटी स्वराक्षी स्वरा, जिन्होनें कम उम्र में ही साहित्य के क्षेत्र में अमिट छाप छोडी है।

स्वराक्षी स्वरा ने पढ़ाई भले ही स्नातकोत्तर तक ही की हो, मगर उनकी उपल्बधियां इतनी हैं कि कमरा भी कम पड़ जाए। पांडुलिपि "तिमिरांतिका" प्रकाशन के लिए जिले की बेटी स्वराक्षी स्वरा को सरकार की राजभाषा विभाग की द्वारा अनुदान मिला, जिसके बाद से ही वह चर्चा में आ गईं। सातवीं कक्षा से ही उन्होनें अपने काव्य रचना के शौक क मूर्त रूप देना शुरू कर दिया था। साल 2015 में पहली बार लखनऊ के बाराबंकी में ‘राष्ट्रीय युवा सम्मान’ से उन्हें नवाजा गया। इसके बाद इसी साल "साथ तेरे मैं कैसे रहूंगी सदा,प्यार में उलझने तो बहुत देखी है" के लिए उन्हें मुजफ्फरपुर के आकाशवाणी केंद्र बुलाया गया था। स्वराक्षी कहती हैं साहित्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय इतने सम्मान मिले हैं कि सजाने के लिये कमरे कम पड़ गए हैं। स्वाराक्षी ने कहा इस सफलता के लिए हमारे साहित्य के सभी साथियों का योगदान रहा, मेरे माता पिता का सबसे बड़ा सहयोग रहा है। वहीं उनके पिता अशोक कुमार झा बताते हैं कि वह मैट्रिक और इंटर में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुई। वहीं बीए में दूसरे स्थान प्राप्त करने के बाद, एमऐ की पढ़ाई नालंदा विश्वविद्यालय से की है। बचपन में स्वराक्षी अपने नाना से छोटी छोटी शायरी लिखा करती थी, जहां से उन्हें अपनी मंजिल की राह दिखाई दी। 

स्वाराक्षी ने साहित्य की सबसे ज्यादा जानकारी कैलाश किंकर से प्राप्त की थीं। वह बचपन से ही साहित्य के क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ना चाहती थीं। उनकी उपलब्धियों की बात की जाए तो विभिन्न मंचों पर काव्य पाठ किया है समाचारपत्रों में भी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं। इसके अलावा दूरदर्शन पर भी काव्यपाठ का प्रसारण किया है। उन्हें विभिन्न संस्थाओं द्वारा अनेकों सम्मान से नवाजा गया जिनमें सुभद्रा कुमारी चौहान सम्मान, हरिवंश राय बच्चन सम्मान, युवा लेखक सम्मान, साहित्य गौरव, शिक्षा गौरव सम्मान, साहित्य अकादमी (मप्र), परम्परा सेवा सम्मान, अंतरराष्ट्रीय सहोदरी सम्मान, अभिनव काव्य कनक सम्मान, श्रेष्ठ गजलकार सम्मान, हिंदी साहित्य श्री सम्मान प्रमुख हैं। वहीं उनकी लिखी पुस्तकों की बात करें तो साझा- एहसास की दहलीज पर, अनुसंधान काव्य संग्रह, सोपान, बिहार की सात कवयत्रियां सहित अनुदान पुरस्कार प्राप्त तिमिरन्तिका (काव्य संग्रह) है।

Suggested News