खगड़िया. कहते हैं कि आत्मविश्वास वह ऊर्जा है, जो सफलता की राह में आने वाली अड़चनों, कठिनाइयों और परेशानियों से मुकाबला करने के लिए व्यक्ति को साहस प्रदान करती है। शायद इसी बुलंद हौसले के सहारे खगड़िया की 12 साल की दिव्यांग सोनाक्षी कुमारी अपने सपनों के लिए उड़ान भर रही है। वह एक पैर के सहारे ही पैदल स्कूल जाती है। स्कूल जाने के लिए उसे एक किलोमीटर का फासला तय करना पड़ता है।
इस दौरान उसे पांव पैदल चलने में परेशानी होती है। इसके बावजूद पढ़ाई करने की जिद्द उसे कठिनाई झेलने की ताकत देती है। सोनाक्षी 7 वीं क्लास की छात्रा है। वह पढ़ लिखकर अधिकारी बनना चाहती है। लेकिन दिव्यांगता, परिवार की तंगी आर्थिक स्थिति और सरकारी उपेक्षा उसके मार्ग में रोड़ा बना है। इसे पार करने में उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सोनाक्षी कुमारी गोगरी प्रखंड के गोगरी बाजार की रहने वाली है। बचपन से ही एक पैर से दिव्यांग है, फिर भी वह जीवन में कुछ करना चाहती है। लिहाजा घर से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित तारा मिडल स्कूल पढ़ने जाती है। वह भी एक पैर के सहारे। सोनाक्षी का कहना है वह अधिकारी बनना चाहती है। जरूरत है सरकारी मदद की।
आपको बता दें कि सोनाक्षी की एक बहन और दो भाई है। पिता सहरा इंडिया के एजेंट है। घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं है। इस कारण आर्टी फिसियल पैर नहीं लगा सके। सरकारी सहायता के रूप में सिर्फ दिव्यंगता पेंशन ही मिल रही है। जापानी कित्रिम पैर लगा दिया जाय, तो सोनाक्षी दोनों पैर के सहारे चल सकती है।