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शर्तों से साथ खुला कैमूर का माई मुंडेश्वरी मंदिर, जानिए पूजा-अर्चना के नियम

शर्तों से साथ खुला कैमूर का माई मुंडेश्वरी मंदिर, जानिए पूजा-अर्चना के नियम

KAIMUR : जिले के भगवानपुर प्रखंड के पवरा पहाड़ी पर स्थित मां मुंडेश्वरी का मंदिर लॉक डाउन के दौरान बंद होने के बाद आज श्रद्धालुओं के लिए शर्तों के साथ खोल दिया गया है. यह मंदिर अब सूर्योदय से सूर्यास्त तक खुला रहेगा. बताते चलें की यह मंदिर 700 फीट पहाड़ की ऊंचाई पर अष्ट कोड़ीय रूप में स्थित है. मंदिर खुलते ही दर्शन और पूजन के लिए श्रद्धालु पहुंचने लगे. लेकिन सरकार द्वारा कोरोनावायरस को लेकर बनाए गए नियमों के पालन करते हुए मंदिर के नीचे से मंदिर धाम तक सीढ़ियों पर दो गज की दूरी पर उजले रंग का सर्किल गोला बनाया गया है. 

गेट में प्रवेश करते समय सभी श्रद्धालुओं का स्क्रीनिन्ग किया जा रहा है. जिनका टेंपरेचर मानक क्षमता से हाई हो रहा है उनको मंदिर में प्रवेश नहीं मिल रहा है.  वही 10 साल से कम उम्र के बच्चे और 60 साल से ऊपर के व्यक्तियों का फिलहाल मंदिर परिसर में प्रवेश वर्जित रखा गया है. स्क्रीनिंग के बाद सभी श्रद्धालुओं के हाथों को सैनिटाइज कराया जा रहा है. उसके बाद ही मंदिर परिसर में प्रवेश मिल रहा है. मंदिर परिसर में एक साथ 5 से 6 लोग ही प्रवेश कर सकते हैं. वह भी गोला के अंदर ही 2 गज की दूरी बनाकर खड़े रहेंगे. 

श्रद्धालु प्रसाद को मंदिर के रखे पात्र में रख देंगे. जहां से मंदिर के पुजारी मां को भोग लगा कर दूसरे पात्र में प्रसाद रख देंगे और श्रद्धालू ले लेंगे. मां मुंडेश्वरी को रक्त हीन बकरे की बलि दी जाती है जो विश्व में विख्यात है. यह इकलौता इसी धाम में होता है. जहां बकरे को काटा नहीं जाता है बल्कि अक्षत फूल से मंत्र उच्चारण कर बकरे को मारने पर बकरा बेहोश हो जाता है और पुनः अक्षत फूल को लेकर मंत्र उच्चारण कर उसके शरीर पर मारने से बकरा जीवित हो उठता है. यह अनोखा रक्तहीन बलि भी आज से शुरू हुआ है. 

मंदिर में प्रवेश करने से पहले सभी बकरों को सैनिटाइज किया जाता है. उसके बाद ही उसे मंदिर के अंदर प्रवेश कराया जाता है. मंदिर परिसर और पूरे कैंपस को प्रत्येक घंटे सेनेटाइज करने की व्यवस्था रखा गया है. सभी लोगों को मंदिर के अंदर मास्क पहनकर के ही या चेहरे को ढककर आना है. 

कैमूर से देवब्रत की रिपोर्ट 

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