नवादा। खेतों में पराली जलाने पर कृषि विभाग ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। ऐसा करने वाले तीन किसानों पर इस क्रम में कार्रवाई की गई है। उन्हें कृषि विभाग की लाभकारी योजनाओं से वंचित कर दिया गया है। विभाग की इस कार्रवाई की जद में और लोग आएंगे। इससे हड़कंप मच गया है।
जिला कृषि पदाधिकारी अरविंद कुमार झा ने बताया कि अकबरपुर प्रखंड के डेरमा गांव के किसान अरविंद कुमार के खेत में पराली जलाई जा रही थी। वहीं हिसुआ प्रखंड के भदसेनी गांव में किसान मुकेश कुमार और महेंद्र शर्मा के खेतों में भी पराली जलाने की सूचना मिली। जांच में मामला सही पाए जाने पर तीनों किसानों को सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया गया है।
पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक
जिला कृषि पदाधिकारी ने जिले के तमाम किसानों से अपील की है कि अपने-अपने खेतों में पराली नहीं जलाएं। पराली जलाना नुकसानदेह है। इससे पर्यावरण प्रदूषित होता है। साथ ही स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है। दुष्प्रभावों को देखते हुए ही सरकार ने पराली जलाने पर रोक लगा दी है। पराली जलाने से मुख्य तौर पर हवा प्रदूषित होती है। इसके धुएं से आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत होती है। प्रदूषित कणों की वजह से अस्थमा और खांसी जैसी बीमारियों को बढ़ावा मिलता है। इसके अलावा निमोनिया और दिल की बीमारी जैसे रोग भी बढ़ रहे हैं।
किसानों को किया जा रहा है जागरुक
बताया कि पराली नहीं जलाने को लेकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए पंचायतों में किसान चौपाल का आयोजन किया जा रहा है। जल्द ही किसानों के बीच प्रशिक्षण शिविर का भी आयोजन किया जाएगा जिसमें खेतों में पराली जलाने से होने वाले नुकसान से अवगत कराया जाएगा। लोगों को खुद भी सतर्क होना पड़ेगा। प्रदूषण से किसानों का काफी अहित होता है।