DESK: दो महीने से ज्यादा वक्त से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन अब और तेज होगा, 26 जनवरी की हिंसा के बाद आगे बढ़ते हुए देशभर में 6 फरवरी को चक्का जाम कर अपना विरोध दर्ज कराने का ऐलान किया गया है. इसको लेकर के किसान मोर्चा की तरफ से इस बात का ऐलान कर दिया गया है कि 6 फरवरी को देश भर में किसान चक्का जाम करेंगे. इसके लिए दोपहर 12 से लेकर 3 के बीच चक्का जाम कार्यक्रम आयोजित होगा.
इससे पहले, किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध जताते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की शहादत दिवस पर 30 जनवरी को दिनभर का उपवास रखा था. किसान संगठनों ने दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड भी निकाली थी. हालांकि ट्रैक्टर रैली में काफी बवाल हुआ जिसके बाद से किसान आंदोलन की ताकात कम हो गई है ऐसा माना जा रहा था लेकिन बाद में राकेश टिकैत के भाबुक अपील के बाद से फिर से किसान आंदोलन संगठित हो गया है.
गौरतलब है कि नवंबर 2020 को देशभर में चक्का जाम के बाद पंजाब और हरियाणा में किसान संगठनों ने दिल्ली चलो आंदोलन का आह्वान किया था. हरियाणा पुलिस ने किसानों को रोकने की कोशिश की और आंसू गैस के गोले भी दागे, लेकिन प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली पहुंच गए और बॉर्डर पर जम गए. तब से दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का ये धरना-प्रदर्शन जारी है.बहरहाल, इन कानूनों को लेकर किसानों की सरकार संग 11 दौर की वार्ता हो चुकी, मगर कोई नतीजा निकलकर सामने नहीं आया. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर नए कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक स्थगित करने का प्रस्ताव दिया, लेकिन किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी और इन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अडिग हैं.