KATIHAR : नालंदा जिले में जहाँ प्याज़ किसानों के आँखों में आँसू ला रहा है. वहीँ में कई फसलों के रेट नहीं मिलने से किसान खासे परेशान हैं. जिले में इस बार मक्का की अच्छी पैदावार हुई है. लेकिन किसानों को सस्ती कीमतों में अनाज बेचना पड़ रहा है. जिससे उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहीं हालत हरी मिर्च की है, जो किसानों की जिंदगी को फीका कर रहा है.
दरअसल कटिहार के रौतारा, हसनगंज, मनसाही और हथिया दियारा जैसे इलाकों में बड़े पैमाने पर हरी मिर्च की खेती होती है, लेकिन पिछले साल अच्छे मूल्य मिलने के बावजूद इस साल किसानों को हरी मिर्च ने निराश किया है. किसानों की माने तो पहले लॉकडाउन और अब अनलॉक होने के बावजूद मिर्च का मूल्य नहीं मिलने से किसान खासा परेशान है.
खेती से जुड़ी जानकारी रखने वाले लोग कहते है कि कटिहार जिले में लगभग 50 से 60 एकड़ में हरी मिर्च की खेती होती है. लेकिन इस बार किसानों के लिए मीठी सौगात लाने वाले हरा मिर्च का बाजार में दाम नहीं मिलने से तीखी ही रह गई. कृषि आधारित संस्था के सहायक निदेशक एसके झा कहते हैं की हरी मिर्च की अधिक उपज से किसान परेशान जरूर है.
लेकिन अगर वह इस को प्रोसेसिंग कर इस से चिली सॉस बनवा लें तो इसके सही उपयोग के साथ अच्छा मूल्य भी मिल सकता है. अगर कोई किसान चाहे तो कृषि आधारित संस्था आत्मा उसे मदद के लिए तैयार है.
कटिहार से श्याम की रिपोर्ट