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100 के नोट पर छपे रानी की बावड़ी के बारे में जाने कुछ खास बाते

100 के नोट पर छपे रानी की बावड़ी के बारे में जाने कुछ खास बाते

RBI ने 100 रूपये के नोट जारी कर दिए है.  नोट का रंग लैवेंडर है. नोट के पीछे रानी की वाव यानी क‍ि बावड़ी को दर्शाया गया है. नोट अगले महीने तक मार्किट में आ जाएगी। नोट का कनेक्शन गुजरात से है, नोट के पीछे बनी रानी की वाव गुजरात के पाटन गांव में है. ये आप जानते होंगे लेकिन आज हम आपको इस बावड़ी की कुछ खास बाते बताने वाले है.

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रानी की वाव का निर्माण 11वीं शताब्दी में किया गया था. रानी की वाव यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल है. इस बावड़ी को सोलंकी साम्राज्य के समय बनाया गया था. ये बावड़ी सरस्वती नदी से जुड़ी हुई है. बावड़ी के नीचे एक छोटा द्वार है, जिसके भीतर 30 किलोमीटर की एक सुरंग भी है, लेकिन फ़िलहाल इस सुरंग को मिटटी और पत्‍थरों से ढक दिया गया है.

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रानी की बावड़ी को रानी ने अपने पति की याद में बनवाया था; कई अन्य लोगों के विरोध में जो उनके प्रियजनों के लिए सम्राटों द्वारा बनाए गए हैं. सोलंकी राजवंश की रानी, ​​रानी उदयमती ने 11 वीं शताब्दी में अपने मृत पति भीमदेव के स्मारक के रूप में संरचना का निर्माण किया। सालों पहले सरस्वती नदी ने अपना मार्ग बदल दिया था जिसके कारण इस महल में बाढ़ आ गई थी. 1 9 80 के दशक के अंत में भारत के पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा खुदाई कर इसे बाहर निकाला गया. 

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रानी की वाव को एक उलटा मंदिर के रूप में डिजाइन किया गया है जो पानी को श्रद्धांजलि देता है. unesco ने इसे बेस्ट टेक्नोलॉजी और मास्टरपीस माना है. जिस तरह से महल में वाटर स्टोर को बनाया गया है वो काबिले तारीफ है. सांस्कृतिक नज़र से भी महल बेहद खूबसूरत है. 

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