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जानिए क्या है नेट न्यूट्रैलिटी जिसको लेकर इंटरनेट की आजादी पर छिड़ी है बहस

जानिए क्या है नेट न्यूट्रैलिटी जिसको लेकर इंटरनेट की आजादी पर छिड़ी है बहस

दूरसंचार विभाग ने बुधवार को नेट निरपेक्षता (नेट न्यूट्रैलिटी) को हरी झंडी प्रदान कर दी. इस मंजूर के बाद इंटरनेट पर किसी भी सर्विस के लिए एक ही शुल्क लिया जाएगा। सरकार के इस फैसले ने भारतीय मोबाइल और इंटरनेट यूजर्स को बड़ी राहत दी है. टेलिकॉम कंपनी अब सारे वेबसाइट पर एक समान स्पीड देगी हालांकि कंपनी में इस चीज़ को लेकर नाराज़गी है. 

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इंटरनेट यूजर होने पर यह जरुरी है की आप नेट न्यूट्रैलिटी की सारी जानकारी अपने पास रखे. इंटरनेट सर्विस प्रदान करने वाली कंपनियां इंटरनेट पर हर तरह के डाटा को एक जैसा दर्जा देंगी और एक ही कीमत लेंगी। उदाहरण के लिए अगर आप यूट्यूब देखने के लिए अलग से डाटा पैक और किसी वेबसाइट पर विजिट करने के लिए अलग से प्लान, लेकिन अब कंपनी ना तो डाटा में कटौती कर सकती है और ना ही अलग दाम ले सकती है.

दरअसल टेलीकॉम कंपनियां चाहतीं थी कि नेट न्यूट्रैलिटी की सिफारिशें नामंजूर हो जाएं, क्योंकि इसमें उनका सीधे तौर पर फायदा है और ग्राहकों को नुकसान है. अगर इसकी सिफारिश नामंजूर नहीं होती तो आपको नुकसान होता। टेलीकॉम कंपनियां आपसे अलग-अलग सेवा के लिए अलग-अलग पैसे लेतीं और कुछ सेवाओं को ब्लॉक भी कर देतीं। इसके अलावा वे इंटरनेट की स्पीड को कम भी कर सकतीं थीं। उदाहरण से समझने की कोशिश करें तो टेलीकॉम या इंटरनेट कंपनियां फेसबुक ऐप पर डाटा की स्पीड को कम करके और फिर स्पीड बढ़ाने के लिए ज्यादा पैसे की मांग कर सकती थीं।

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