NEWS4NATION DESK : झारखंड की राजधानी रांची के पहाड़ी मंदिर के पास भीख मांगने इस शख्स की कहानी जानकर रिश्तों से आपका विश्वास उठ जायेगा। आप सोचने पर मजबूर हो जायेंगे की आखिर हमारा समाज किस ओर जा रहा है।
पहाड़ी मंदिर के समीप भीख मांगकर अपना जीवन यापन कर रहे है इस बुजुर्ग का नाम दीप नारायण लाल है। दीप नारायण संत जेवियर कॉलेज पार्क स्ट्रीट कोलकाता से स्नातक और अच्छी कंपनियों में अधिकारी के पद पर कार्यरत बेटों के पिता है। लेकिन अपनों द्वारा ठुकराये जाने की वजह से इनकी आज यह हालत है।
बेटों के लिए बाप बन गया बोझ
पहाड़ी मंदिर के आसपास भीख मांगकर और वहीं स्थित आश्रय गृह में अपना रात गुजारने वाले दीप नारायण लाल बताते हैं कि उन्होंने अपने बच्चों को अच्छी तालीम दी, जिसके बाद उनके बच्चे अच्छी कंपनियों में काम कर रहे हैं। लेकिन वे उन्हें अपने साथ नहीं रखते है। उनका बाप उनके लिए बोझ है। घर से निकालने के बाद उनका बाप किस स्थिति में है इसकी सुध उनके द्वारा कभी नहीं ली गई। पत्नी का निधन होने के बाद वे अकेले इसी तरह से जीवन यापन कर रहे हैं।
जीवन का अंतिम क्षण ऐसे गुजरेगा ऐसा कभी सोचा तक नहीं था
डीएन लाल हिन्दी के अलावा अंग्रेजी भी बोल लेते हैं। उनकी अंग्रेजी की रफ्तार भले ही धीमी हो, लेकिन अपनी बातों को स्पष्ट रूप से रखते हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें शुरू से पढ़ने का काफी शौक रहा। कोलकाता से 1943 को पढ़ाई पूरी करने के बाद वे रांची में काम करने पहुंचे और यहीं डोरंडा में उनकी शादी हुई थी। लाल बड़े ही दुख भरे शब्दों में कहते है कि जिन बच्चों के लिए पूरी जिंदगी लगा दी। वे ऐसी हालत में छोड़ देंगे। जीवन का अंतिम क्षण ऐसे गुजरेगा ऐसा कभी सोचा तक नहीं था।