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कोशी नदी बरसात में फिर बरपा सकती है कहर, धड़ल्ले से जारी है बालू का अवैध खनन, प्रशासन बना मूकदर्शक

कोशी नदी बरसात में फिर बरपा सकती है कहर, धड़ल्ले से जारी है बालू का अवैध खनन, प्रशासन बना मूकदर्शक

SUPAUL : मानसून के आने में अभी दो महीने से अधिक की देरी है। ऐसे में सरकार द्वारा कोसी तटबंध और स्परों के मरम्मत का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। ताकि कोसी से बाढ़ के खतरा को टाला जा सके। लेकिन वहीं दूसरी तरफ जिला प्रशासन के नाक के नीचे कोसी तटबंध के अंदर अवैध रूप से बालू का खनन भी बालू माफियाओं द्वारा धड़ल्ले से जारी है। इसके बावजूद इस दिशा में जिला प्रशासन द्वारा कोई भी ठोस पहल नहीं किया गया। यह अलग बात है की मिडिया द्वारा जानकारी मिलने के बाद डीएम ने जांच कर कार्रवाई के संकेत दिए हैं।

दरअसल सुपौल जिले में कोसी नदी से अवैध बालू खनन का काम निरंतर जारी रहता है। जिला मुख्यालय से चंद किलोमीटर दूर अवस्थित बसबिट्टी,रामदत्तपटी, बेरिया मंच सहित दर्जनों गांव के पास स्थानीय ट्रेक्टर मालिक द्वारा पूर्वी कोसी तटबंध के 50 मीटर दूरी से जेसीबी मशीन एवं मजदूरों द्वारा बालू का अवैध खनन धड़ल्ले से किया जा रहा है। खास बात यह है कि खनन विभाग के अधिकारी या स्थानीय प्रशासन द्वारा इस दिशा में कार्रवाई नहीं करने के कारण बालू खनन का मामला कई महीनों से जारी है। 

बताया जाता है कि कोसी नदी में जेसीबी मशीन से बालू खनन करने से बाढ़ के समय पानी तटबंध के नजदीक पहुंच जाता है। इससे तटबंध पर खतरा बना रहता है,साथ ही कोशी नदी द्वारा मिट्टी भरने के कारण खेती की भी संभावना रहती है जो बालू के अवैध खनन से खत्म हो जाती है। कोसी नदी के जलस्तर घटने के कारण पूर्वी कोसी तटबंध के बकोर से लेकर बेरिया मंच के बीच कई जगहों में बालू खनन का धंधा फलफूल रहा है। हर दिन एक हजार से लेकर डेढ़ हजार ट्रैक्टर सहित अन्य गाड़ियों से बालू खनन का चल रहा है। पूछे जाने पर इस बाबत डीएम कौशल कुमार ने बताया कि कोसी नदी में बालू खनन करने पर कई बार अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की गई है। कहा कि खनन के अवैध कारोबार में जो भी संलिप्त हो, उसपर कार्रवाई जारी रखने का निर्देश पदाधिकारियों को दिया गया है।

सुपौल से सुभाष चंद्रा की रिपोर्ट

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