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कोझिकोड जैसा खतरनाक है पटना एयरपोर्ट, पॉइंट वाइज जानिए क्यों असुरक्षित है लैंडिंग

कोझिकोड जैसा खतरनाक है पटना एयरपोर्ट, पॉइंट वाइज जानिए क्यों असुरक्षित है लैंडिंग

Patna : केरल के कोझिकोड एयरपोर्ट पर हुए विमान हादसे की चर्चा देशभर में हो रही है. इस हादसे ने कई सवाल खड़े कर दिए है. इस हादसे के बाद एक बार फिर से पटना एयरपोर्ट पर विमानों के उड़ने और उतरने के खतरे पर चर्चा तेज हो गई है.  जिस तरह से केरल में यह विमान हादसा हुआ वैसा ही खतरा पटना एयरपोर्ट के लिए भी बना हुआ है.  इसके पीछे की मुख्य वजह है पटना एयरपोर्ट पर रनवे की लंबाई काफी कम होना, जिसकी वजह से विमान की लैंडिंग के दौरान हमेशा ही ओवर शूटिंग का खतरा बना रहता है , और भी कई कारण है जिससे खतरा बना हुआ है. 

पटना एयरपोर्ट पर रनवे की लंबाई कम होना 

केरल में जिस रनवे पर विमान के उतरने के बाद हादसा हुआ उसकी लंबाई 9 हज़ार फिट है, जबकि पटना एयरपोर्ट पर रनवे की लंबाई मात्र 65 सौ फीट है. खतरे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पटना के रनवे पर विमानों के उतरने के बाद ब्रेक इतना जोर से लगता है कि विमान में बैठे यात्रियों तक पहियों की थरथराहट का साफ असर महसूस करते हैं.

 एयरपोर्ट परिसर का छोटा होना

पटना एयरपोर्ट पर उतरने और उड़ान भरने वाले विमान परिसर के छोटा होने की वजह से काफी नीचे उड़ते और उतरते है। अगर विमान को इतना नीचे नहीं किया जाए तो लैंडिंग के दौरान टच डाउन से विमान के आगे निकलने का खतरा होता है.

सचिवालय का वाच टावर

पटना एयरपोर्ट के लिए एक बड़ा खतरा सचिवालय का वॉच टावर है, इसलिए विमानों की लैंडिंग और उड़ान भरने के दौरान पायलट को हर पल सतर्क रहना होता है कि अगर विमान के पहिए सही जगह पर रनवे को टच नहीं कर रहे हों और दोबारा उड़ान भरने की स्थिति पैदा हो तो इस टावर से न टकराए. 


रनवे की दूसरी छोर पर रेलवे की पटरियां होना

पटना एयरपोर्ट के लिए चौथा सबसे बड़ा खतरा रनवे के दूसरे छोर पर रेलवे की पटरियों का होना है. इन पटरियों के ऊपर बिजली के तार और पोल हैं जिससे रेलवे परिचालन होता है इन पुल की ऊंचाई भी विमानों के लिए बड़ा खतरा है.

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