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कृषि कानून किसानों को गुलाम बनाने वाला है : रालोसपा

कृषि कानून किसानों को गुलाम बनाने वाला है : रालोसपा

PATNA : राष्ट्रीय लोक समता पार्टी केंद्र सरकार के कृषि कानूनों से होने वाले नुकसान की जानकारी किसानों और आम लोगों को दे रही है. रालोसपा इन कानूनों की खामियों की चर्चा पार्टी के कार्यक्रम किसान चौपाल में कर रही है. वह किसानों व आम लोगों को बता रही है कि तीन कृषि कानून दरअसल किसानों के लिए डेथ वारंट है. इन कानूनों के जरिए केंद्र सरकार किसानों को गुलाम बनाने पर तुली हुई है. रालोसपा का किसान चौपाल बिहार में दो फरवरी को काले कृषि कानूनों की प्रतियां जला कर रालोसपा ने किसान चौपाल की शुरुआत की थी. पार्टी नेताओं फजल इमाम मल्लिक व धीरज सिंह कुशवाहा ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस कर यह जानकारी दी. देश में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में किसान चौपाल लगाने का फैसला किया है.

पार्टी नेताओं ने बताया कि शुक्रवार को बिहार के कई जिलों में किसान चौपाल लगाई गई. जिनमें बड़ी तादाद में किसानों सहित समाज के दूसरे तबके से जुड़े लोगों ने हिस्सा लिया. मुख्यालय पहुंची रिपोर्ट के मुताबिक पटना के अलावा वैशाली, रोहतास, मोतिहारी, सहरसा, मधुबनी, नालंदा, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर, लखीसराय, शेखपुरा, अरवल, गया, बक्सर और कैमुर में किसान चौपाल लगाई गई और किसानों को इन कृषि कानूनों की जानकारी दी गई.

पार्टी नेताओं ने बताया कि बिहार में किसान जानना चाह रहे हैं कि इन कानूनों में ऐसा क्या है जिससे किसान आंदोलित है और दिल्ली की सीमा पर महीनों से आंदोलन चल रहा है. किसान इन कानूनों को लेकर रालोसपा नेताओं से सवाल कर रहे हैं और पार्टी के जिला प्रभारी व दूसरे नेता उनके सवालों का जवाब दे रहे हैं. उन्हें इन कानूनों से होने वाले नुकसान की जानकारी भी दे रहे हैं. पार्टी नेता और कार्यकर्ता गांवों के अलावा शहरों में भी बुद्धीजिवियों और छात्रों के अलावा समाज के वंचित तबके के बीच जाकर इन कानूनों की सच्चाई सामने रख रहे हैं. साथ ही बता रहे हैं कि यह कानून किसानों को गुलाम बनाने वाला है. इससे किसानों के साथ-साथ समाज के दूसरे तबके का अहित होगा. किसान चौपाल बिहार के हर जिले में लगाई जा रही है. 28 फरवरी तक रालोसपा का यह कार्यक्रम चलेगा. रालोसपा ने दस हजार गांवों में किसान चौपाल लगाने का लक्ष्य तो रखा है. इसके अलावा 25 लाख किसानों तक पहुंच कर इन कानूनों की जानकारी और जागरूक बनाने का भी लक्ष्य रखा है.

पटना से देबांशु प्रभात की रिपोर्ट 



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