NALANDA : पटना विश्वविद्यालय शिक्षक कर्मचारी न्याय मंच एंव इंकलाबी नौजवान सभा के बैनर तले केएसटी कॉलेज में मंत्री-प्राचार्य गठजोड़ से व्याप्त फर्जीवाड़ा और घोटाला के खिलाफ धरना दिया गया। धरना की अध्यक्षता इंकलाबी नौजवान सभा के जिलाध्यक्ष विरेश कुमार ने किया। धरना को संबोधित करते हुए इनौस के जिलाध्यक्ष विरेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भ्रष्टाचार, घोटाला, फर्जीवाड़ा पर रोक लगाने की बात करते थकते नहीं है. लेकिन सच्चाई उसके उल्टा है. जिसका जीता जागता उदहारण मुंख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा के बिहारशरीफ स्थित केएसटी कॉलेज है. जहाँ प्राचार्य डॉ अशोक कुमार एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, सचिव केएसटी कॉलेज के गठजोड़ से केएसटी कॉलेज फर्जीवाड़ा, घोटाला,अनियमित्ता और दमन के दलदल मे आकंठ डूबा हुआ है.
सबसे आश्चर्य की बात है कि केएसटी डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ अशोक कुमार का जन्म तिथि 17/01/1950 है लेकिन 71 वर्ष उम्र मे भी फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के बल पर अभी तक कुर्सी से चिपक कर आकंठ लूटतंत्र मे डूवे है. इतना ही नही इनके पुत्र संजीत कुमार के पॉच योगदान की तिथि 1989,1995,1996,2006,2018 है. ये मुल्यरूप से डिग्री कॉलेज के इतिहास विभाग में प्रोफेसर है. लेकिन गलत तरीके से मंत्री श्रवण कुमार के लेटर पैड से प्राचार्य बना दिया गया जो फर्जीवाड़ा का अंतिम ग्रन्थ है. बात इतना ही नही है बाप-बेटा के गठजोड़ ने इन्टर और डिग्री कॉलेज के सरकार द्धारा प्रदत अनुदान की राशि के वितरण में भारी घोटाला एंव अनियमितत्ता है. केएसटी इण्टर कॉलेज के प्राचार्य संजीत कुमार अपराधी और घोर सांमती प्रवृति का व्यक्ति है.
केएसटी डिग्री कॉलेज के भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष शैलेश कुमार जब डॉ अशोक कुमार से सरकार द्धारा जारी निर्देश 70/ 30/ का अनुपालन 2020 के 4 महीने के लॉकडाउन का वेतन मांगने और अनुदान की राशि को कमिटी बनाकर वितण के मांग करने गए तो मारपीट कर कॉलेज से भगा दिया. 2010 से 2021 तक लगभग 40 करोड़ का घोटाला है. जिसकी जॉच सीबीआई से कराया जाय. इनौस के नेताओ ने चल रहे धरना को मंत्री श्रवण कुमार इशारे पर पुलिस द्धारा जबरदस्ती धरना को बंद करने पर घोर निंदा करते हुए कल 21 जुलाई को जिला के तमाम प्रखडो में मंत्री श्रवण कुमार का पुतला दहन किया जायेगा. कार्यक्रम में कॉ मनमोहन, कॉ रामदास अकेला, कॉ शत्रुधन कुमार, कॉ रामदेव चौधरी, जयंत कुमार, धन्नजय कुमार, डॉ शैलेश कुमार यादव, शैलेन्द्र कुमार, राजेश कुमार, ब्रहमदेव प्रसाद आदि सैकड़ो लोग शामिल थे.