PATNA: बिहार की राजधानी पटना में महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन के बाद सरकारी सिस्टम की ओर से घोर लापरवाही सामने आई। देश के स्टीफन हॉकिंग कहे जाने वाले सिंह की लाश करीब एक घंटे तक ऐंबुलेंस के इंतजार में अस्पताल के बाहर पड़ी रही। इस शर्मनाक घटना के मीडिया में आने के बाद उन्हें ऐंबुलेंस मुहैया कराया गया। इसको लेकर अब बिहार में सियासत तेज हो गई है।
देश के प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास ने इसको लेकर बिहार सरकार पर तंज कसा है। उफ़्फ़, इतनी विराट प्रतिभा की ऐसी उपेक्षा? विश्व जिसकी मेधा का लोहा माना उसके प्रति उसी का बिहार इतना पत्थर हो गया? कुमार विश्वास ने आगे कहा- आप सबसे सवाल बनता हैं ! भारतमाँ क्यूँ सौंपे ऐसे मेधावी बेटे इस देश को जब हम उन्हें सम्भाल ही न सकें? कुमार विश्वास के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि इस महान विभूति का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा।
कुमार विश्वास के ट्वीट का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि इस महान विभूति का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा।
बता दें कि का 74 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया है। सिंह बिहार के पटना मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल में भर्ती थे। राजधानी पटना के कुल्हरिया इलाके में रहने वाले सिंह की गुरुवार को अचानक तबीयत होने के बाद हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि सिंह स्किट्सफ्रीनिया से पीड़ित थे। वशिष्ठ नारायण सिंह ने महान वैज्ञानिक आंइस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत को चुनौती दी थी।
स्किट्सफ्रीनिया एक मानसिक रोग है। वशिष्ठ नारायण सिंह कुछ दिन पहले भी बीमार पड़े थे। उन्हें देखने के लिए कई नेता और मंत्री पहुंचे थे। चर्चित फिल्म निर्माता प्रकाश झा ने उनके ऊपर फिल्म बनाने की घोषणा भी की थी। वशिष्ठ नारायण सिंह राज्य के आरा जिले के बसंतपुर के रहने वाले थे। वह बचपन से बेहद होनहार थे और गणित से उनको बेहद लगाव था।