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कुरमी समाज को चाहिए एसटी का दर्जा, कई जगहों पर शुरू हुआ अनिश्चीतकालीन रेल रोको आंदोलन

कुरमी समाज को चाहिए एसटी का दर्जा, कई जगहों पर शुरू हुआ अनिश्चीतकालीन रेल रोको आंदोलन

रांची. झारखंड, उड़ीसा और बंगाल में कुरमी समाज के लोग एसटी में शामिल करने की मांग कर रहे है। जिसके लिए अनिश्चीतकालीन रेल रोको आंदोलन आज से शुरू किया गया है। झारखंड में एक बार फिर कुरमी समाज के लोगों ने आंदोलन तेज कर दिया है। लंबे समय से कुरमी समाज के लोग खुद को एसटी सूची में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। पूर्वनिर्धारित आंदोलन की रणनीति तैयार की गयी थी जिसके बाद अनिश्चीतकालीन रेल रोको आंदोलन शुरू कर दिया गया है। सुबह से ही झारखंड के कई जिलों में इसका असर दिखने लगा। 

पूर्वी सिंहभूम जिले के बहरागोड़ा प्रखंड में 20 सितंबर को चक्रधरपुर खड़कपुर डिविजन के विभिन्न रेल पटरियों पर कुरमी समाज के द्वारा रेल चक्का जाम कर दिया गया। झारखंड कुरमी विकास मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शीतल ओहदार और प्रवक्ता ओम प्रकाश महतो ने बताया कि यह कार्यक्रम अनिश्चिकालीन चलता रहेगा। जब तक की सरकार कुर्मी को एसटी में शामिल करने की घोषणा नहीं करती है।

इस आंदोलन से हिंसक घटनाएं की खबर सामने आ रही है। जानकारी के अनुसार, हावड़ा से रांची आ रही ट्रेन संख्या 12019 शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन पर उपद्रवियों ने पत्थरबाजी की गई है। झालदा के पास उपद्रवियों ने ट्रेन की बोगी संख्या ई-2 में पत्थर फेंके जिसके बाद यात्रियों में हड़कंप मच गया। बता दें कि बीते दिनों झारखंड में 1932 आधारित खतिहान और 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण की घोषणा के बाद से ही कई जगहों पर विरोध शुरू हो गए हैं। 

कुरमी समाज के लोग वर्षों से कुरमी को एसटी में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। शीतल ओहदार ने कहा कि साजिश के तहत कुरमी समाज को एसटी में शामिल नहीं किया जा रहा है। अगर सरकार इसपर जल्द निर्णय नहीं लेती है तो आगामी लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों को इसका खामियाजा उठाना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद 1955 तक कुरमी समाज एसटी सूची में शामिल था, मगर एक साजिश के तहत कुरमी को इस सूची से बाहर कर दिया गया। वृहद झारखंड के कुरमी-कुड़मी की रहन-सहन, पूजा-पाठ, शादी-विवाह, पर्व त्योहार सभी आदिवासियों से मिलती जुलती है। इसके बावजूद कुरमी जाति को एसटी सूची में शामिल नहीं किया जा रहा है। आने वाले दिनों में यह आंदोलन और जोर पकड़ेगा।

इस आंदोलन की वजह से कई ट्रेनों के परिचालन को रद्द कर दिया गया। कई रेलवे लाइन के रूट में भी बदलाव किया गया है। सुबह तड़के खड़कपुर डिवीजन के खेमासोली एवं झाड़ग्राम पर हजारों की संख्या में लोग रेल लाइन पर बैठ गये। माथे पर पीले रंग की पट्टी और हाथ में डंडा और झंडा लिये लोग रेल की पटरी पर बैठ गये। इस आंदोलन की वजह से चक्रधरपुर डिवीजन के राउरकेला से रांची के रूट को भी जाम कर दिया गया । नीमडीह में भी रेल लाइन पर आंदोलनकरियों के बैठ जाने से बाधित हुई। आंदोलन कर रहे कुर्मी समाज के लोग लंबे समय से कुर्मी जाति को एसटी सूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। आंदोलन कर रहे लोगों का कहना है कि झारखंड अलग हुआ तो हमें बदलकर ओबीसी कर दिया गया।


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