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कुशवाहा ने CM प्रोजेक्ट किये जाने की ख्वाहिश अभी छोड़ी नहीं

कुशवाहा ने CM प्रोजेक्ट किये जाने की ख्वाहिश अभी छोड़ी नहीं

SASARAM : सासाराम में रविवार को जो राजनीतिक परिदृश्य उभरा उससे यह साफ होता है कि उपेन्द्र कुशवाहा ने खुद को सीएम प्रोजेक्ट किये जाने की ख्वाहिश अभी छोड़ी नहीं है। राजनीतिक हकीकत और संख्या बल चाहे जो तस्वीर पेश करे, कुशवाहा की ये तमन्ना रह-रह कर बाहर निकल पड़ती है। कुशवाहा ने अपने समर्थकों में जोश भरने के लिए आरक्षण के पक्ष में जोरदार भाषण दिया।

 सीएम हो तो कुशवाहा जैसा हो !

रविवार को सासाराम के बाल विकास मैदान में रालोसपा का दलित- अतिपिछड़ा अधिकार सम्मेलन आयोजित किया गया था। सासाराम के काराकाट से ही उपेन्द्र कुशवाहा सांसद हैं। इस सम्मेलन में रालोसपा प्रमुख और केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा जब मंच से बोल रहे थे तो सामने उनके समर्थक नारा लगा रहे थे- बिहार का सीएम कैसा हो ? उपेन्द्र कुशवाहा जैसा हो ! कुशवाहा भाषण करते रहे लेकिन उन्होंने एकबार भी अपने समर्थकों को नारा लगाने से मना नहीं किया। सीएम पद की वैकेंसी न तो NDA में है और न ही महागठबंधन में है। कुशवाहा इस बात को जानते हैं फिर भी वे भ्रम बनाये रखना चाहते हैं ताकि भविष्य में शायद उनको कोई फायदा मिल जाए।

आरक्षण की जोरदार वकालत

उपेन्द्र कुशवाहा ने दलित और अतिपिछड़े वर्ग पर अपना ध्यान केन्द्रीत कर रखा है। इस वर्ग में अपनी पैठ बनाने के लिए कुशवाहा ने आरक्षण के समर्थन में जोरदार भाषण दिया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि सबके लिए खुली प्रतियोगिता हो जिसमें अगड़े, पिछड़े, दलित सभी अपनी योग्यता साबित करें। वे भी इसी विचार के समर्थक हैं लेकिन इसके लिए अभी उचित समय नहीं है। जब तक सभी वर्गों में समानता नहीं आ जाती, खुली प्रतियोगिता कैसे हो सकती है। आरक्षण का मकसद इसी समानता को लाना है। जब सामाजिक रूप से सभी लोग एकसमान हो जाएं तो यह किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आरक्षण से कभी भी तरक्की प्रभावित नहीं होती। कई राज्यों में बिहार से अधिक आरक्षण का प्रावधान है। फिर वे राज्य विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। तो फिर कोई कैसे कह सकता है आरक्षण से तरक्की प्रबावित हो सकती है। इस कार्यक्रम मे पूर्व मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा, रामचन्द्र ठाकुर, बनारसी कुशवाहा, मालती कुशवाहा, सीमा कुशवाहा, अरविंद कुमार, शिवदत्त सिंह, रिंकू सोनी सहित कई नेता शामिल हुए।

सासाराम से रंजन कुमार की रिपोर्ट

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