PATNA : उपेन्द्र कुशवाहा की इफ्तार पार्टी में उम्मीदों से अलग नजारा रहा। कुशवाहा को
न अपनों ने भाव दिया न बेगानों ने। सियासी नजरिये से कहें तो उपेन्द्र कुशवाहा की
किरकिरी हो गयी। इफ्तार पार्टी में एनडीए का ना कोई मंत्री पहुंचा न विधायक।
बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी के नेता बिल्कुल गैरहैजिर रहे। वो तो गनीमत थी कि दावत
के आखिरी लम्हों में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यनांद राय पहुंच गये। अगर वे
नहीं आते तो आज कुशवाहा की और फजीहत होती।
हालात को भांप कर कुशवाहा और नित्यानंद राय, घिसीपिटी बात कह कर सच पर पर्दा
डालने की कोशिश करते रहे। दोनों नेता बार-बार ये बताते रहे कि एनडीए में सब ठीक
है। लेकिन जब न्यूज ऑर नेशन ने कुशवाहा से पूछा कि जदयू के नेता इफ्तार पार्टी में
क्यों नहीं आये तो उन्होंने जवाब दिया, मुझे लगता है कि व्यस्तता की वजह से वे
नहीं आए।
उपेन्द्र कुशवाहा व्यस्त थे इस लिए एनडीए और सुशील मोदी के कार्यक्रम में नहीं
आये। जदयू के नेता व्यस्त थे इस लिए वे कुशवाहा के दावते इफ्तार में नहीं आये।
धन्य है, ये व्यस्तता। एनडीए की तथाकथित चट्टानी एकता में दरार ही दरार दिख रहे
हैं।
हद तो तब हो गयी जब कुशवाहा को सीएम प्रत्याशी बनाने की मांग करने वाले नेता
नागमणि भी नहीं आये। कुशवाहा ने राजद के नेताओं को भी निमंत्रण दिया था लेकिन उन्होंने
ने भी किनारा कर लिया। उपेन्द्र कुशवाहा की सियासी उम्मीदों पर पूरी तरह पानी फिर
गया। इसके बाद दामन बचाने वाले बयान दिये
जाने लगे।
उपेन्द्र कुशवाहा ने रविवार को स्पष्ट किया कि उनका एनडीए के साथ कोई मतभेद
नहीं है। कुशवाहा ने दावा किया कि एनडीए बिल्कुल एकजुट है। वे एनडीए के भोज में
व्यस्तता के कारण नहीं आ सके। सुशील मोदी के इफ्तार पार्टी के दिन उनका अपने चुनाव
क्षेत्र में कार्यक्रम था। उन्होंने पहले ही बता दिया था कि वे पटना आने के बाद
काराकाट जाएंगे। नित्यानंद जी यहीं बैठे हैं, पूछ लीजिए इनसे भी बात हुई थी। कहीं
कोई गफलत नहीं है। उपेन्द्र कुशवाहा ने तेस्जस्वी यादव के आमंत्रण पर भी भी
प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि तेजस्वी मेरे मान सम्मान की चिंता न करें। उनके
पैरों के नीचे से जमीन खिसक गयी है, इस लिए ऐसी बात कह रहे हैं। तेजस्वी को अपनी
चिंता करनी चाहिए। नित्यानंद राय ने भी एनडीए में सब कुछ ठीक होने की बात कही।