Munger: बिहार का मुंगेर जिला का मुफस्सिल थाना क्षेत्र का चुरम्बा गांव फिलहाल सुर्खियों में है. कोरोना पॉजिटिव मरीज जिसकी मौत पटना एम्स में हुई थी वह इसी गांव से आता है. इतना ही नहीं इस गांव के दो लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं.
बता दें कि कोरोना से होने वाली पहली मौत के बाद चुरम्बा गांव को पूरी तरह जिला प्रशासन के द्वारा सील कर दिया गया. जिस वजह से वहां के लोगों को खाने - पीने और जरूरत की चीजों का घोर अभाव हो गया. इसकी जानकारी जब मुंगेर की एसपी लिपि सिंह को मिली कि गांव सील किये जाने के बाद वहां आश्यक वस्तुओं का भी घोर अभाव हो गया है तो उन्होंने तत्काल एक्शन लिया. मुंगेर पुलिस ने वहां जनसहयोग से आवश्यक वस्तुओं की दुकान खुलवाई. इसका उद्घाटन भी एसपी लिपि सिंह ने फीता काटकर खुद किया.
ग़ौरतलब है कि मुंगेर मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर चुरम्बा गांव में कोरोना वायरस संक्रमण से एक की मौत के बाद दो और लोग के संक्रमित हो गए थे. इसके बाद गांव को सील कर दिया गया था. कोशिश थी कि संक्रमण से जुड़े गांव के लोग एक जगह से दूसरे जगह ना जाएं. इसको लेकर जिला प्रसाशन द्वारा इस इलाके में बैरिकेडिंग कर दी गयी थी. पुलिस ने मोहल्ले में आने जाने वालों पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद वहां आवश्यक वस्तुओं के किल्लत की शिकायतें मिलने लगी थी.
एसपी की पहल पर जनसहयोग से वहां आवश्यक वस्तुओं की दुकान खुलवायी गयी. इस दौरान एसपी ने चुरंबा के ग्रामीणों से बात की. उन्होंने लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग बनाने तथा सुरक्षात्मक उपाय करने की अपील की. आवश्यक वस्तुओं की दुकान की खासियत यह है कि यहां बाजार से काफी कम कीमत पर रोजमर्रे की जरूरतों के सामान उपलब्ध कराए गए हैं. एसपी ने बताया कि चुरंबा के साथ समस्या है कि वहां के लोगों को बाहर जाने की इजाजत नहीं है। इसलिए वहां के लोगों की समस्याओं को देखते हुए आवश्यक वस्तुओं की दुकान खुलवाई गई है। ताकि चूरंबा के लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े.
वही ग्रामीणों ने बताया की मुंगेर पुलिस द्वारा यह सहयोग हमारे गांव के लिए बरदान है ,उन्हों ने कहा की हमलोगो को काफी दिनों से काफी परेशानी हो रही थी जिसके कारण घर में राशन खत्म हो गया था लेकिन पुलिस प्रसाशन की मदद से दुकान खुल जाने से हमलोगो को कम कीमत में खाध समाग्री मिल जाएगी