BUXAR : पौराणिक मान्यता के अनुसार कार्तिक मास का विशेष महत्व बताते हुए पूरे माह सूर्योदय से पूर्व गंगा स्नान का विशेष महत्व माना जाता है। साथ ही कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान, दान, तप और व्रत का भी विशेष महत्व बताया गया है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु का प्रथम अवतार मत्स्य अवतार इसी दिन हुआ था। वेदों की रक्षा, प्रलय के अंत तक सप्तश्रृषियों अनाजों, व राजा सत्यव्रत की रक्षा के लिए भगवान विष्णु को इस रुप मे अवतरित होना पड़ा था।
कार्तिक पू्र्णिमा के दिन गंगा स्नान , दीप दान, हवन ,यज्ञ, वस्त्रदान करने से पाप और ताप का शमन होता है। इसी पुण्यफल प्राप्ति की अभिलाषा में बक्सर गंगा तट पर लाखों की संख्या मे श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगायी।
बताते चले कि बक्सर में उत्तरायणी गंगा होने की वजह से यहाँ पर दूर - दराज से श्रद्धालुओं का आने का सिलसिला लगा रहता है। हालांकि प्रशासन को भी इसको लेकर अलर्ट मोड पर देखा गया। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की गाड़ियों को शहर के बाहर ही रोक दिया गया था। जबकि जगह जगह पुलिस मौजूद थीं। रामरेखा घाट के पंडित वाला बाबा एवं धनजी तिवारी ने सभी श्रद्धालुओ का मंगल कामना करते हुए कार्तिक पूर्णिमा के महत्व को बतलाया। साथ ही श्रद्धालुओं ने भी आज के दिन गंगा स्नान, व्रत और इस दिन के महत्व को बतलाते हुए आस्था की डुबकी लगायी।
बक्सर से संजय उपाध्याय की रिपोर्ट