BHAGALPUR - केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के पुत्र अर्जित शाश्वत चौबे के साथ धोखधड़ी का मामला सामने आया है। आरोपी ने खुद का कस्टम इंस्पेक्टर राहुल कुमार के रूप में परिचय दिया था। आरोपी ने गाड़ियों की नीलामी की बात कहकर डीएसपी से बात कराई और फार्च्यूनर गाड़ी पसंद कराने के बाद रजिस्ट्रेशन के नाम पर 14 प्रतिशत राशि खाते में मंगवाकर चूना लगा दिया।
जानकारी के अनुसार, मामले में धोखाधड़ी होने का अंदाजा मंत्री पुत्र अर्जित को तब लगा, जब सात जनवरी को गाड़ी और गाड़ी के दस्तावेज ट्रांसफर के कागजात लेकर आने की बात कहकर आरोपी शख्स ना तो भागलपुर पहुंचा और ना ही फोन किया। मंत्री पुत्र अर्जित के फोन करने पर काल भी रिसीव नहीं किया। ठगे जाने का भान होते ही मंत्री पुत्र ने सजौर थाने में धोखाधड़ी समेत अन्य आरोप में केस दर्ज करा दिया है।
दर्ज केस में अर्जित शाश्वत चौबे ने कस्टम विभाग की तरफ से जब्त गाड़ी की नीलामी को लेकर रजिस्ट्रेशन के नाम पर 14 प्रतिशत राशि कुल आठ लाख 29 हजार दो सौ रुपये आरोपी के खाते में भेजी थी। यह राशि उन्होंने स्वयं के और अपने 3 सहयोगियों के खाते के माध्यम से भेजी थी। इस संबंध में उन्होंने थानाध्यक्ष महाश्वेता सिन्हा को साक्ष्य भी सौंपे हैं। मंत्री पुत्र अर्जित ने घटना की जानकारी एसएसपी, विधि-व्यवस्था डीएसपी समेत अन्य वरीय पुलिस अधिकारियों को भी दी है। अधिकारियों को मंत्री पुत्र ने जानकारी दी है कि धोखाधड़ी करने वाले आरोपी ने रकम वापस मांगने पर फोन पर गाली-गलौज की और पैसा भूल जाने की बात कहकर जान से मार देने की धमकी भी दी है।
पुलिस केस में नामजद बनाए गए कथित कस्टम इंस्पेक्टर राहुल कुमार और उसके सहयोगी सुरेश प्रमाणिक, सूरज कुमार सिंह, बजरंगी कुमार सिंह की तलाश में जुट गई है। मंत्री पुत्र अर्जित शाश्वत चौबे से बात करने के लिए इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबरों का भी पुलिस की तकनीकी सेल पता लगा रही है। अर्जित शाश्वत चौबे भाजपा के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य हैं, भागलपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं।
गाड़ियों की भेजी तस्वीर, भरोसे के लिए कथित डीएसपी से कराई बात मंत्री पुत्र अर्जित को झांसा देने के लिए आरोपी कथित कस्टम इंस्पेक्टर राहुल ने अपना आवास बरारी थानाक्षेत्र के खंजरपुर में बताया। मोबाइल नंबर 8210723403 से 26 दिसंबर 2022 को काॅल कर कहा कि भैया 27 दिसंबर को कस्टम की तरफ से पकड़ी गई गाड़ियों की नीलामी है। कई अच्छी गाड़ियां हैं। आरोपी ने कुछ गाड़ियों की तस्वीर वॉट्सऐप पर भेजी। मंत्री पुत्र अर्जित ने फार्च्यूनर गाड़ी पसंद कर ली। इसके बाद आरोपी ने नियम के मुताबिक दस दिनों में नौ लाख, 80 हजार रुपये खाते में ट्रांसफर करने की बात कही। उसके बाद ही गाड़ी बुकिंग कंफर्म हो जाती।
इसके लिए मंत्री पुत्र का राहुल ने पैन कार्ड, आधार कार्ड और डिजिटल फोटो भी मांग लिया। मंत्री पुत्र ने ये सभी दस्तावेज वॉट्सऐप पर भेज दिए। इसके बाद मंत्री पुत्र ने बुकिंग अमाउंट के तौर पर 98 हजार रुपये अपने पीएनबी के खाते से आरोपी के खाते में भेज दिए। इसके बाद कथित कस्टम इंस्पेक्टर ने मंत्री पुत्र अर्जित से कहा कि उसका स्टेनो है बजरंगी कुमार सिंह उसके खाते में भी पैसे भेजना है।
ऐसा होने पर जल्दी से डीडी बनाकर प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी। इस बात पर भरोसा करने के लिए उसे कस्टम के कथित डीएसपी से बात भी कराई। कथित डीएसपी ने सुरेश प्रमाणिक के खाते में पैसे मंगाए। हाइप्रोफाइल मामला होने के कारण पुलिस आरोपितों की तलाश में जुट गई है।