पटना. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद अब जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह खुलकर उन मुद्दों पर राजद का समर्थन कर रहे हैं जो केंद्र सरकार द्वारा लालू-राबड़ी परिवार को परेशान करने के कथित आरोपों से जुड़ा है. गुरुग्राम के एक मॉल को तेजस्वी का मॉल बताकर हुई सीबीआई छापेमारी पर ललन सिंह ने भाजपा को जमकर खरी-खोटी सुनाया है. उन्होंने शनिवार को एक कंपनी के दस्तावेज से जुडी प्रति ट्विट करते हुए लिखा, झूठ, फरेब और चरित्र हनन करने के प्रयास का पर्दाफाश हो गया है। भाजपा के नेतागण पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखें। मध्यप्रदेश,महाराष्ट्र और झारखंड में जो हो रहा है, वह पूरा देश देख रहा है।नैतिकता का पाठ पढ़ाने के बजाय पहले खुद नैतिकता का पाठ पढ़ें।
दरअसल, गुरुग्राम के जिस मॉल पर छापा मारा गया उसने एक पत्र जारी कर साफ किया है कि मॉल में तेजस्वी यादव की किसी प्रकार की कोई साझेदारी नहीं है. वाइटलेंड नामक कंपनी ने पूरे विस्तार से लिखा है कि किस तरह से मॉल को तेजस्वी की सम्पत्ति बताकर भ्रामक प्रचार किया गया है.उसी पर अब ललन सिंह ने भी पत्र को साझा करते हुए भाजपा को निशाने पर लिया है.
इसके पहले उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि दो दिन पहले गुरुग्राम में जिस मॉल पर CBI ने रेड की उसे भाजपा ने गोदी मीडिया के साथ मिलकर मेरा मॉल बताकर पूरे दिन झूठा प्रचार किया गया। मैंने तुरंत विधानसभा और प्रेस कॉन्फ़्रेन्स में साक्ष्य और सबूतों सहित बताया कि यह मॉल भाजपा नेताओं का है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और एक भाजपा सांसद का इससे संबंध है।
जब उस मॉल में हरियाणा के मुख्यमंत्री और भाजपा नेताओं की संलिप्तता की बात सामने आयी तब जाकर WhiteLand कंपनी कह रही है कि तेजस्वी यादव का इस कंपनी और मॉल से कोई सम्बंध नहीं है। भाजपा के प्रकोष्ठ CBI, ED एवं भाजपा द्वारा संपोषित व संपादित गोदी मीडिया द्वारा यह सब प्रकरण सुनियोजित तरीके से किया जाता है ताकि इसमें हमारी बदनामी हो तथा विपक्ष को अविश्वसनीय बनाया जा सके।
भाजपा की कुछ PR कंपनियां जिन्होंने चैनल, पोर्टल और अख़बार के नाम पर पंजीकरण करा रखा है वो जानबूझकर ऐसी खबरें चलाते है ताकि लोगों तक झूठी खबरें पहुँचाकर विपक्षी नेताओं का चरित्र हनन तथा जनता को गुमराह किया जा सके। जब सच्चाई सामने आती है तो अधिकांश गोदी मीडिया उस सच्ची खबर को दरकिनार कर देती है तथा कुछ उसे किसी कोने में एक छोटी सी खबर के रूप में छाप देते है कि रिपोर्ट गलत थी।