पटनाः कांग्रेस ने पटना के एक बड़े फ्रॉड के आरोपी को टिकट देकर मैदान में उतारा है। उस पर पटना से लेकर मुजफ्फरपुर तक जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज है।पिछले एक दशक में कांग्रेस प्रत्याशी ललन कुमार ने पुलिस से मिलीभगत भारी फर्जीवाड़ा कर करोड़ों का चूना लगाया है। इतना ही नहीं उस पर पुलिस से मिलीभगत से थाना डायरी में छेड़छाड़ का मुकदमा है।
पटना से लेकर मुजफ्फरपुर तक में दर्ज हैं मुकदमा
बिहार कांग्रेस ने विवादास्पद नेता ललन कुमार को टिकट देकर सुल्तानगंज से मैदान में उतार दिया है। ललन कुमार की छवि पटना से लेकर मुजफ्फरपुर तक फ्रॉड वाली है।उस पर राजधानी पटना के कई थानों के अलावे मुजफ्फरपुर में फ्रॉड के कई मामले दर्ज हैं। उस पर सिर्फ फ्रॉड के ही नहीं बल्कि थाना के केस डायरी में भी छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज है। उसकी सेटिंग ऐसी तगड़ी है कि पहले लाखों-करोड़ों की ठगी करता है फिर सेटिंग कर ठगाने वाले शख्स को जेल भी भिजवा देता है। कांग्रेस ने उसे इस बार सुल्तानगंज विस से टिकट दिया है। जिस नेता पर इतने बड़े फ्रॉड के केस दर्ज हैं वैसे नेता को टिकट देने के बाद क्षेत्र में भी चर्चा तेज है।सुल्तानगंज के महागठबंधन के कई स्थानीय नेताओं ने बताया कि ऐसे नेता विश्वास के लायक नहीं।जो बिना जनप्रतिनिधि बने इस तरह के गंभीर कांड कर सकता है तो फिर विधायक बनने के बाद तो खुलेआम लोगों को ठगने का काम करेगा।
जानिए ललन कुमार पर किस तरह के दर्ज हैं मुकदमे
कांग्रेस उम्मीदवार ने नामांकन के दौरान जो हलफनामा दिया है उसमें अपने दर्ज 10 केसों का उल्लेख किया है।इनमें कई केस फ्रॉड,जालसाजी और थाना की डायरी में छेड़छाड़ का है। पटना के कोतवाली थाना कांड संख्या 580-2019 आरोप चेक बाउंस का केस दर्ज होने के संबंध में है.अगला केस भी कोतवाली थाना में दर्ज है,केस संख्या 526-2018 आरोप थाना दैनिकी में छेड़छाड़ का आरोप. इसके बाद गांधी मैदान थाना कांड संख्या 79-2017 केस दर्ज है।इसमें धोखाधड़ी करने के संबंध में कांग्रेस प्रत्याशी पर मुकदमा है।ललन पर सिर्फ पटना में ही नहीं बल्कि मुजफ्फरपुर में भी जालसाजी का मामला दर्ज है. मुजफ्फरपुर के सदर थाना में कांड संख्या 158- 2009 दर्ज है, इस केस में भी जालसाजी का ही आरोप लगा है. कांग्रेस उम्मीदवार ललन कुमार पर पटना के कोतवाली,गांधी मैदान और मुजफ्फरपुर के थाने में धारा 420, 120 बी समेत कई अन्य गंभीर धाराओँ में मुकदमा दर्ज है।
पढ़िए पूरी खबर
बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार जिस पर पटना के कई थानों में बड़े फर्जीवाड़ा के मामले दर्ज हैं उसे ही कांग्रेस ने उम्मीदवार बना दिया है। अब ललन कुमार महागठबंधन प्रत्याशी के तौर पर सुल्तानगंज विस क्षेत्र से चुनावी मैदान में हैं। ऐसे उम्मीदवार के ही बदौलत बिहार में महागठबंधन का बेड़ा पार होगा।कांग्रेस की तरफ से दावा किया जा रहा था कि इस बार के चुनाव में स्वच्छ छवि वाले नेताओं को उम्मीदवार बनाया जाएगा लेकिन पार्टी ने तो एक विवादित नेता ही दांव लगा दिया। नेतृत्व के इस निर्णय से कई तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं।
बता दें कि कांग्रेस नेता ललन कुमार पर फर्जीवाड़ा के गंभीर आरोप हैं। उस पर पटना के कोतवाली और एसकेपुरी थाने में फर्जीवाड़ा करने के आरोप हैं।ललन कुमार ने हरियाणा के एक दंपत्ति से भी बड़ा फर्जीवाड़ा किया था।इस मामले में पीड़ित परिवार ने कोतवाली थाने में केस दर्ज कराया था। ललन की सेटिंग ऐसी तगड़ी थी कि पुलिस से मिलकर पीड़ित परिवार को ही उल्टे जेल भिजवा दिया था।मामले की जांच के बाद कोतवाली थाने के कई पुलिसकर्मियों पर गाज भी गिरी थी।
जानिए ललन कुमार के कारनामें....
कांग्रेस नेता ललन कुमार पर पटना के कोतवाली थाना और एसकेपुरी थाने में केस दर्ज है।इस मामले में कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट भी जारी हुआ था।दोनों मामले में पुलिस उकी तलाश कर रही थी और नेता जी भागे फिर रहे थे।बाद में सुप्रीम कोर्ट से ललन कुमार ने जमानत ली थी। एसके पुरी में ललन के खिलाफ कांड संख्या -121/18 दर्ज है, जिसमें नवरत्न ज्वेलर्स के मालिक धीरज से 80 लाख रुपये के जेवर फर्जी चेक के माध्यम से ठगी करने का आरोप है। वहीं कोतवाली कांड संख्या - 536/18 में उसपर पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से स्टेशन डायरी में फर्जीवाड़ा कराने का मामला दर्ज है।केस दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी हुआ था। ललन कुमार पर पुलिस अधिकारियों से साठगांठ कर बड़े स्तर पर खेल करने के भी आरोप लगते रहे हैं।पुलिसकर्मियों से मिलीभगत कर वह लगातार लोगों को परेशान भी करता था।
गुरूग्राम की महिला ने दर्ज कराई थी केस
बता दें कि करीब तीन साल पहले गुरुग्राम की रहने वाली मिथिलेश सिंह ने कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराई थी। पुलिस मुख्यालय के आदेश के बाद ललन पर एफआईआर हुई थी। आरोप है कि ललन ने पुलिस से मिलीभगत कर मिथिलेश और उनके पति निर्भय पर केस दर्ज कराया था।इस मामले में पुलिस ने गुरूग्राम दंपत्ति को जेल भेज दिया था। जेल से बाहर आने के बाद पीड़ित दंपत्ति पुलिस मुख्यालय पहुंचे थे और न्याय की गुहार लगाई थी। इसके बाद मामले की जांच हुई। जांच में गुरुग्राम दंपती पर दर्ज तीनों एफआईआर फर्जी पाई गई। इसके बाद जून 2018 में ललन कुमार, उसके दोस्त निर्भय सिन्हा, धैर्य कुमार, दो एसआई विक्रमादित्य झा और मनीष कुमार पर बुद्धा काॅलोनी और कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया था। केस दर्ज होने के बाद फर्जीवाड़ा करने वाले ललन कुमार फरार रहा । मामला कोर्ट में है और जमानत लेकर नेता जी चुनाव लड़ रहे हैं।