पटना. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज पूर्णिया में जमकर लालू नीतीश पर हमला बोला। साथ ही उन्होंने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पर भी निशाना साधा। अमित शाह ने ललन सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि वे नये-नये नेता बने हैं। इस पर जदयू ने भी अमित शाह पर पलटवार किया है। जदयू के प्रदेश सचिव रंजीत कुमार झा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज पूर्णियां में भाषण के दौरान अपनी राजनीतिक अपरिपक्वता का परिचय दिया है।
उन्होंने कहा कि सत्ता के नशे में चूर देश के अहंकारी गृह मंत्री जी ने आज बिहार की धरती पर आकर अपने भाषण में जिन वाक्यों का चयन किया बोलने से पहले पढ़ना चाहिए था। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह जी के बारे में कहा ‘नए नए नेता बने हैं’। रंजीत झा ने आगे कहा कि वर्ष 1964 में जन्मे गृह मंत्री अमित शाह को शायद ये पता नहीं है कि जब वे महज़ दस वर्ष के थे तभी सन 1974 के जन आंदोलन में अपनी प्रबल सक्रिय भूमिका के कारण जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष हजारीबाग सेंट्रल जेल में बंद थे।
रंजीत झा ने कहा कि जिस बिहार पर वो जंगल राज का ख़तरा मंडराने की बात कर रहे हैं वो राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की सालाना क्राइम इन इंडिया (सीआइआइ) -2021 के नाम से जारी रिपोर्ट में देश के टॉप 10 अपराध वाले शहरों की सूची में शामिल नहीं है। वहीं भाजपा शासित गुजरात के दो शहर सूरत और अहमदाबाद टॉप-5 अपराध वाले शहर में हैं।
रंजीत झा ने अमित शाह की सभा पर चुटकी लेते हुए कहा कि शाह साहब को इस बार यहां कि जनता ने यह आभास दिला दिया है कि उनकी पार्टी के प्रति यहां की जनता में ना तो कोई आकर्षण रहा और ना ही विश्वास। जिस कारण पूर्णिया की रैली में अमित शाह जी को बार-बार ताली बजाने और जोर से नारे लगाने के लिए आग्रह करना पड़ा। यहां तक कहते सुने गए कि सीमांचल के लोगों का जोश कहां चला गया...! रंजीत झा ने अंत में कहा कि आखिर काठ की हांडी कितनी बार चूल्हे पर चढ़ेगी, जनाब ?