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ललित नारायण मिश्र कॉलेज और बिजनेस मैनेजमेंट में संस्थापक दिवस का किया गया आयोजन

ललित नारायण मिश्र कॉलेज और बिजनेस मैनेजमेंट में संस्थापक दिवस का किया गया आयोजन

मुजफ्फरपुर :  ललित नारायण मिश्र कॉलेज और बिजनेस मैनेजमेंट में संस्थापक दिवस का आयोजन किया गया।  इस अवसर पर महाविद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष स्मृति शेष डॉ. जगन्नाथ मिश्र को याद करते हुए संपूर्ण महाविद्यालय परिवार ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।  कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए डॉ. श्याम आनंद झा ने कहा कि यह महाविद्यालय डॉक्टर मिश्र की विद्वता और दूरदर्शिता की देन है।  डॉ. मिश्र के जीवन वृतांत में महाविद्यालय के अपर निदेशक श्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि उनका जीवन संघर्ष और जनमानस की सेवा भावना की उदाहरण से भराहुआ है।

उनके मुख्यमंत्री काल और राजनीतिक जीवन में किए गए विभिन्न कार्य जिनका केंद्र बिंदु अविभाजित बिहार का विकास और गौरव प्राप्ति था तमाम व्यस्तताओं के बावजूद डॉक्टर मिश्र अपने ज्ञान विपासा को शांत करने के लिए सदैव आतुर रहते थे। इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन शैक्षणिक गतिविधियों पर डॉ. आइबी लाल ने रिपोर्ट प्रस्तुत किया। कुलसचिव डॉक्टर के एस शेखर ने महाविद्यालय के सामाजिक दायित्व निर्वहन की दिशा में किए गए कार्यों के द्वारा बिहार की पीड़ा को दूर करने के प्रति प्रतिबद्धता जताई।  इस क्रम में डॉक्टर अमर नाथ ने  समसामयिक वैश्विक महामारी के कारण बिहार में प्रवासी श्रम संसाधन के रोजगार सृजन में चुनौती एवं अवसर के तथ्यों पर रिपोर्ट प्रस्तुत किया। 

महाविद्यालय द्वारा छात्रों और कोरोना वारियर्स जिन्होंने इस संक्रमण काल में समाज सेवा की है को प्रोत्साहित किया।  महाविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी, सफाई कर्मी तथा पुलिस बल के बीच कोरोना संक्रमण सुरक्षा किट का वितरण किया गया।  महाविद्यालय ने इस अवसर पर बिहार की पीड़ा से जुड़े कार्यक्रम के तहत प्रबंधन आईटी और एजुकेशन संकाय के संयुक्त तत्वावधान में वेबिनार आयोजित किया गया। 

इस वेबीनार को सबसे पहले पांडिचेरी  विश्वविद्यालय के डॉ प्रमोद कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि हमें कृषि तथा कृषि जनित उद्योगों के विकास पर ध्यान देना होगा जिससे समायोजन कम समय में फलदाई हो।  बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डॉ राकेश रमन ने इस पीड़ा के निदान के लिए रणनीति की रचना पर अपना व्याख्यान दिया।  उन्होंने इस क्रम में प्रवासियों के प्रकार और श्रम पलायन के कारण और प्रभाव की जानकारी पर जोर डालने की बात कही।  तकनीकी माध्यमों के जरिए समस्याओं के समाधान पर प्रकाश डालने के लिए मोतिहारी केंद्रीय विश्वविद्यालय के आईटी के प्रोफेसर विकास परीक ने कहा कि तकनीकी संसाधन हमेशा आर्थिक उपायों को सबल और कम समय में लागू करने में सहायक होते हैं।  इस लॉकडाउन के दौरान सरकार जन कल्याण हेतु प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीवीटी) इसका प्रमाण है। इसके अनेक उपयोग हैं जिनके द्वारा विपणन वित्त और डेटाबेस मैनेजमेंट के काम किए जा सकते हैं।  

एजुकेशन संकाय के विभिन्न आवश्यकताओं का स्वागत प्रोफेसर सुधीर कुमार झा ने किया।  वक्ता के तौर पर आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के संकाय अध्यक्ष डॉक्टर ज्ञानदेव मणि त्रिपाठी ने शिक्षा में नवाचार पर जोर डाला। उन्होंने कहा कि आईसीटी के साथ अध्यापक शिक्षण को और बेहतर तरीके से व्याख्या करने में सफल है। वहीं दूसरे वक्ता बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के संकाय अध्यक्ष डॉ अरविंद कुमार झा ने कहा कि अध्यापक शिक्षा में आईटी और आईसीटी के उपकरण माध्यम और परिवर्तनशील बनने की परंपरा का निर्माण करे। वेबिनार के वक्ताओं का धन्यवाद ज्ञापन डॉ विनय कुमार ने किया।

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