पटना : बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर लालू यादव ने जेल से ही गोटी सेट करना शुरू कर दिया है. बिहार की सियासत में जातिय समीकरण को देखते हुए लालू यादव ने इस बार अपने पुराने समीकरण को चेंज कर दिया है.
अगड़ों को साथ लेकर चलेंगे लालू
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए लालू यादव ने अपने पुराने समीकरण को थोड़ा चेंज क दिया है. लालू यादव ने सबसे पहले जगदानंद सिंह को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बनाया फिर राज्यसभा में केडी सिंह को भेजना का फैसला कर डाला. लालू यादव इस विधान सभा के चुनाव में हर वर्ग को अपने साथ लेकर चलना चाहते हैं.
भुजबल के बहाने कुशवाहा को सेट करने की फिराक में लालू
कुशवाहा समाज में अपनी पैठ के लिए राजद ने दो यादगार दिन को चुना है. सम्राट अशोक की जयंती के दिन एक अप्रैल को राबड़ी देवी कुशवाहा संदेश रथ को रवाना करने वाली हैं, जो प्रदेश के सभी 38 जिलों में जाएगा और आम सभाएं भी होंगी. पांच सितंबर को जगदेव प्रसाद वर्मा की पुण्यतिथि पर गांधी मैदान में कुशवाहा रैली का आयोजन होना है, जिसका उद्घाटन महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री और एनसीपी के प्रमुख नेता छगन भुजबल करेंगे.
भुजबल का लालू से पुराना याराना है. कुशवाहा समुदाय को साथ लाने की लालू की यह एक कोशिश है. रालोसपा चीफ उपेंद्र कुशवाहा कभी भुजबल के करीबी थे. नीतीश कुमार से अलग होने के बाद बिहार में अलग पार्टी बनाने और उसे खड़ा करने में भुजबल ने उन्हें काफी मदद की थी. लोकसभा चुनाव में भी राजग से जुदा होकर महागठबंधन के साथ आने और पांच सीटें झटकने में भुजबल की मध्यस्थता ने ही कुशवाहा को कामयाबी दिलाई थी. अब भुजबल का यह बल लालू के साथ है. यह उपेंद्र कुशवाहा पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा भी है.