PATNA : चारा घोटला में सजायाफ्ता लालू
प्रसाद एक और कानूनी परेशानी में फंसने वाले हैं। पटना के एक कोर्ट ने उनके खिलाफ
मानहानि मामले में सम्मन जारी किया है। इस मामले की सुनवाई जून से शुरू होगी। लालू
प्रसाद ने 10 सितम्बर 2017 को भागलपुर के सैंडिस कम्पाउंड में सृजन घोटला के खिलाफ
एक रैली की थी। इस रैली में लालू प्रसाद
ने बहुत आक्रामक दाज में भाषण दिया था। लालू ने भाषण के दौरान कहा था कि नीतीश कुमार
जब-जब भागलपुर आते हैं तो सर्किट हाउस में नहीं ठहर कर मिश्रा के घर क्यों ठहरते
हैं। उन्हें यह बताना चाहिए। लालू के इस बयान से नीतीश कुमार बहुत आहत हुए थे। उस
वक्त उन्होंने टिप्प्णी की थी, भागलपुर में मेरे खिलाफ क्या-क्या नहीं बोला गया। थोड़ा इंतजार कीजिए, बहुत जल्द पता चल जायेगा।
लालू के इस बयान के बाद बिहार आपदा प्रबंधन
प्राधिकरण के सदस्य उदयकांत मिश्र पटना के कोर्ट में एक शिकायत की थी। उन्होंने
कोर्ट को बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनकी मित्रता पर लालू प्रसाद ने अपमानजनक
टिप्पणी की है। इस शिकायत पर उपन्यायाधीश ओम प्रकाश की अदालत ने संझान लिया और शनिवार को लालू
प्रसाद के खिलाफ सम्मन जारी कर दिया।
चारा घोटला के चार मामलों में सजा मिलने की वजह
से लालू प्रसाद अब जेल में हैं। हेल्थ ग्राउंड पर उन्हें फिलहाल छह हफ्ते की
प्रोविजनल बेल मिली हुई है। इलाज के लिए 16 मई से वे बाहर हैं। इस दरम्यान उन्हें
अब एक और अदालती प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा। मानहानि से जुड़ा ये मामला उनकी
मुश्किलें और बढ़ा सकता है।