PATNA : समाजवादियों के विरासत सिर्फ उनके परिवार के लिए है। उनके लिए समाजवाद का अर्थ परिवार के सभी सदस्यों को राजनीति में जगह देना है। उन्होंने शरद पवार और लालू की मुलाकात को लेकर कहा कि यह बिहार के लिए नहीं बल्कि पारिवारिक मुलाकात थी। जिसमें सिर्फ इस बात पर चर्चा की गई कि आपका बेटा-बेटी राजनीति में सेटल हो गया है, अब हमारे बच्चों को भी सेटल करने की व्यवस्था की जाए। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने राजद को आइना दिखाते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव कब से समाजवादी बन गए हैं। वो तो परिवारवाद के नेता हैं अपने वंश को कैसे राजनीति में लाना है उसका वो जुगाड़ करते हैं।
उन्होंने नीतीश कुमार को पीएम मटेरियल बताए जाने पर विपक्ष के सवाल पर करारा हमला करते हुए कहा कि नीतीश कुमार के सामाजिक न्याय और सामाजिक बदलाव के यूएस के पेरियार इंटरनेशनल ने तारीफ की। नीतीश कुमार को उनके कार्य के लिए 21 पुरस्कार मिल चुके हैं। जबकि लालू जी के समाजवाद को क्या मिला, कैदी नंबर 3351। नीतीश कुमार को हाल में यूएन ने क्लाइमेट चेंजर बताया है। यह किसी पैरवी से नहीं मिला है। यह उनके कर्म के कारण मिला हैं। नीतीश कुमार के परिवार के पार्टी से कोई नहीं है, जिनके बदौलत वह अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहे हैं।
तेजस्वी-चिराग के साथ आने का फायदा नहीं
जदयू के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि यह सभी जानते हैं कि राघोपुर में तेजस्वी की जीत में चिराग का कितना बड़ा योगदान था, अगर वह अपने उम्मीदवार खड़े नहीं करते तो नेता प्रतिपक्ष का जीत पाना मुश्किल था। उनके साथ आने से हमारी सरकार को नुकसान नहीं होगा। इस दौरान सात अगस्त को राजद के आंदोलन की घोषणा को लेकर कहा कि सिर्फ ट्विटर और फेसबुक से राजनीति नहीं चल सकती है, इसलिए कभी कभी वह इस तरह के आंदोलन करने करने कोशिश करते हैं।