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लालू राज के उस एनकाउंटर की कहानी, जब पुलिस की पिस्टल के सामने फेल हो गया था सम्राट का AK 47

लालू राज के उस एनकाउंटर की कहानी, जब पुलिस की पिस्टल के सामने फेल हो गया था सम्राट का AK 47

Desk: साल 1995,तारीख 5 मई. इसी दिन कुख्यात सम्राट अशोक सम्राट का एनकाउंटर हुआ था. कहानी से पहले भूमिका ये है कि हाजीपुर पुलिस को सूचना मिली थी आज सोनपुर रेलवे में टेंडर होने वाला है. उस टेंडर में कुख्यात अशोक सम्राट आने वाला है. 5 पुलिसकर्मी इलाके में जीप लेकर गस्त कर रहे थे इसी दौरान दिन में करीब एक बजे लक्ष्मणदास मठ के पास एक गाड़ी में एक शख्स राइफल लेकर बैठा दिखा. इसके बाद पुलिस ने अपनी जीप उस गाड़ी के सामने लगा दी. ऐसा होते ही गाड़ी से 5-6 लोग निकले और फायरिंग शुरू कर दी. अपराधियों के पास AK47 था जबकि पुलिस के पास पिस्टल और 3नॉट3 बंदूक थी.

उसके बाद क्या हुआ इसका जिक्र क्लाईमैक्स में होगा. पहले तो इस बात का जिक्र होना चाहिए कि अचानक से चर्चा में अशोक सम्राट क्यों आ गए. वजह चुनाव और चुनाव में लगातार लालू राज के जंगलराज का जिक्र. कहानी फिर उसी जंगल राज की है कि जब अशोक सम्राट ने पहली दफा एके 47 लहराया था. कहा तो यह भी जाता है कि AK 47 बिहार में पहली बार अशोक सम्राट ने ही लाया था.

कहानी उस दौर की जब बेगूसराय और मुजफ्फरपुर में दो कंपनियां थीं एक रीता कन्स्ट्रक्शन और दूसरा कमला कन्स्ट्रक्शन. ये दोनों कंपनियां रेलवे का ठेका लिया करती थीं. इसमें एक कंपनी बीजेपी नेता रामलखन सिंह की थी तो दूसरी के मालिक रतन सिंह थे. रतन सिंह की कंपनी को ठेका दिलाने के लिए अशोक सम्राट अपने बाहुबल का प्रयोग करते थे. वहीं रामलखन सिंह की कंपनी को ठेका दिलाने के लिए मोकामा के बाहुबली सूरजभान सिंह काम करते थे. बिहार पुलिस से रिटायर हो चुके अफसरों की मानें तो रेलवे का ठेका पाने के लिए उस दौर में सूरज सिंह और अशोक सम्राट में वर्चस्व की जंग चल रही थी. इस जंग में खुद को बीस साबित करने के लिए अशोक सम्राट ने पंजाब में सक्रिय खालिस्तान समर्थकों से हाथ मिला लिया था. माना जाता है कि अशोक सम्राट को खालिस्तान समर्थकों ने ही AK47 राइफल सप्लाई की थी. हालांकि कुछ लोग ये भी कहते हैं कि अशोक सम्राट के संपर्क सेना में शामिल कुछ युवाओं से थे, जिस वजह से उसे आतंकियों के पास से जब्त AK47 राइफल मिले थे. ये जांच का विषय है कि आखिर दोनों बातों में से कौन सच है. बिहार के एक बड़े पुलिस अधिकारी जो उस दौर में बेगूसराय के एसपी थे. उन्होंने सबसे पहले अशोक सम्राट गिरोह के लोगों से AK47 और सूरजभान सिंह के घर से AK 56 की जब्ती की थी. उस दौर को याद करते हुए कहते हैं कि अशोक सम्राट पूरे बिहार का सबसे बड़ा अपराधी था. वह कानून को कुछ समझता ही नहीं था. 1993-94 में बेगुसराय में 42 मुठभेड़ हुए, जिसमें इतने ही लोग मारे गए. इसमें स्थानीय लोगों ने काफी मदद की. AK 47 से संभवत: पहली हत्या 1990 में हुई थी. अशोक सम्राट ने अपने पीए रहे मिनी नरेश की हत्या का बदला लेने के लिए मुजफ्फरपुर के छाता चौक पर AK 47 की गर्जना दिखाई थी. छाता चौक पर दिन दहाड़े अशोक सम्राट के गुर्गों ने थाने के ठीक बगल में बाहुबली चंद्रेश्वर सिंह की हत्या की थी.

अशोक सम्राट की हनक के पीछे राजनीतिक ताकत भी थी. माना जाता है कि अशोक सम्राट का उस दौर के मंत्री और लालू प्रसाद यादव के करीबी रहे बृजबिहारी प्रसाद से काफी अच्छे रिश्ते थे. अशोक सम्राट बेगुसराय, बरौनी, मोकामा, मुजफ्फरपुर, वैशाली, लखीसराय, शेखपुरा और इसके आसपास के इलाकों में तय करता था कि चुनाव में किस उम्मीदवार को जीताना है. उसके गुंडे बूथ कैप्चरिंग से लेकर लोगों को डरा धमकाकर वोट दिलाने का काम करते थे. अशोक सम्राट से नजदीकी के चलते ही बृजबिहारी प्रसाद की पटना में हत्या हुई थी. माना जाता है कि उनकी हत्या यूपी के कुख्यात श्रीप्रकाश शुक्ला ने की थी. इस हत्याकांड में पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला, राजन तिवारी समेत कई लोग आरोपी बनाए गए लेकिन अब बरी हो गए हैं. 

अशोक सम्राट पूरी तेजी से जरायम की दुनिया की सीढ़ी चढ़ता जा रहा था लेकिन उस दिन वो पुलिस की गोली का शिकार हो गया और Ak47 धरा का धरा रह गया...हां तो क्लाईमैक्स का जिक्र शुरू में ही हुआ था तो आगे की कहानी ये है कि....पुलिस को देख अशोक सम्राट की तरफ से फायरिंग की गई. पुलिस की जवाबी कार्रवाई के बाद अपराधी गाड़ी में दोबारा सवार हो गए और भागने की कोशिश करने लगे. पुलिस वालों ने फायरिंग जारी रखा. तब चार अपराधी वहां से पैदल ही भागने लगे. पुलिस को देख गांव वाले भी अशोक सम्राट और उसके लोगों का पीछा करने लगे. अशोक सम्राट और उसके लोगों की ओर से गोलियां चलाने की वजह से कई ग्रामीण भी घायल हो गए, जिसमें से एक की बाद में मौत हो गई. ये अपराधी एक झोपड़ी में छुप गए थे, जिसे ग्रामीणों ने आग लगा दी थी. हालांकि शाम चार बजे तक अपराधियों की तरफ से गोलीबारी शांत हो गई, जिसके बाद पुलिस ने अशोक सम्राट के मौत की पुष्टि की. इस एनकाउंटर के बाद अशोक सम्राट के पास से दो AK47 और भारी मात्रा में गोलियां बरामद की गई.

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