लालू का बड़ा आरोप : बिहार में 20000 करोड़ का पैरेलल धंधा चला रहे हैं सत्ता में बैठे लोग

PATNA : बिहार में सुशासनी शराबबंदी से प्रतिवर्ष हज़ारों लोग ज़हरीली शराब से मर जाते हैं। शराबबंदी के कारण सत्ताधारी लोग बिहार में 20000 करोड़ की समानांतर अवैध इकॉनमी चला रहे है। शराबबंदी के नाम पर लाखों दलित और गरीब जेलों में बंद है। पुलिस भ्रष्ट और अत्याचारी बन चुकी है। यह आरोप लगाया है बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने।
जिस तरह से बेतिया के लौरिया थाना क्षेत्र के देवराज के देउरवा गांव में एक साथ आठ आदमी की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई है, उसके बाद बिहार की नीतीश सरकार की शराबबंदी कानून पर फिर से सवाल उठने लगे हैं। आठ लोगों की मौत के बाद विपक्ष ने सरकार पर अपने हमले तेज कर दिए हैं। इनमें सबसे बड़ा हमला राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने किया है। उन्होने बिहार में शराबबंदी पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस कानून की आड़ में सत्ताधारी लोग बिहार में 20000 करोड़ की समानांतर अवैध इकॉनमी चला रहे हैं। कानून के नाम पर लाखों दलित और गरीब जेलों में बंद किया गया है। पुलिस भ्रष्ट और अत्याचारी बन चुकी है।
बिहार में सुशासनी शराबबंदी से प्रतिवर्ष हज़ारों लोग ज़हरीली शराब से मर जाते है। शराबबंदी के कारण सत्ताधारी लोग बिहार में 20000 करोड़ की समानांतर अवैध इकॉनमी चला रहे है। शराबबंदी के नाम पर लाखों दलित और गरीब जेलों में बंद है। पुलिस भ्रष्ट और अत्याचारी बन चुकी है। pic.twitter.com/ZWdgF4a16y
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) July 16, 2021
शराबबंदी पर होते रहे हैं सवाल
बिहार में शराबबंदी ऐसा कानून है, जिसको लेकर हमेशा से सीएम नीतीश पर सवाल उठते रहे हैं। आज शराबबंदी के बाद भी बिहार में धड़ल्ले से शराब की बिक्री की जा रही है। शराब तस्करों का आतंक इतना बढ़ गया है कि वह पुलिसकर्मियों की जान लेने से भी नहीं चूक रहे हैं। दरभंगा के केवटी में बीती रात चेकिंग के दौरान शराब लेकर जा रहे तस्करों ने अपनी गाड़ी से एक पुलिस जवान को कूचलकर मार डाला।