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लालू यादव पर सीबीआई और न्यायालय ले संज्ञान, राजद सुप्रीमो राजनीतिक बंदी नहीं जो जेल में दरबार लगा रहे.....

लालू यादव पर सीबीआई और न्यायालय ले संज्ञान, राजद सुप्रीमो राजनीतिक बंदी नहीं जो जेल में दरबार लगा रहे.....

PATNA:  चारा घोटाले के चार मामलों के सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव एक बार फिर से सुर्खियों में हैं.झारखंड में सत्ता बदलने के बाद से ही लालू यादव को जेल में मिली छूट की खूब चर्चा है. इस बार भी लालू यादव को लेकर झारखंड से लेकर बिहार तक में राजनीति तेज हो गई है.रिम्स में भर्ती लालू प्रसाद की एक तस्वीर वायरल है। तस्‍वीर में लालू प्रसाद यादव के साथ झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी साफ दिख रहे हैं। वहीं लालू प्रसाद यादव इस तस्‍वीर में मोबाइल पर भी बात कर रहे हैं.इसके बाद बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने लालू यादव द्वारा जेल में दरबार लगाये जाने पर कोर्ट से संज्ञान लेने की मांग की है।

सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद जेल में रहें या जमानत पर बाहर आयें,  इसका फैसला न्यायालय को करना है, लेकिन कुछ लोग न्यायपालिका पर राजनीतिक दबाव बना रहे हैं।राजद समर्थक एक दल ने  कोरोना के बहाने राजनीतिक और सामाजिक बंदियों को पेरोल या जमानत पर छोड़ने की अपील करते हुए लालू प्रसाद को भी यह रियायत देने की मांगी की है। सजायाफ्ता से इतनी हमदर्दी दिखाने वाले यह तथ्य छिपा रहे हैं कि लालू प्रसाद चारा घोटाला के दोष सिद्ध अपराधी हैं, कोई राजनीतिक बंदी नहीं।वे कोरोना काल में भी अगर जेल नियमों का उल्लंघन कर दरबार लगा रहे हैं, तो इस पर अदालत और सीबीआई को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।

डिप्टी सीएम ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा है कि कोरोना संक्रमण की जांच के लिए बिहार को 40 हजार रैपिड एंटीजन किट मिले, जिससे सभी जिलों में सैंपल की जांच 24 घंटे की बजाय अब मात्र 30 मिनट में होने लगेगी। दूसरी अच्छी खबर यह कि पिछले 20 दिनों में चमकी बुखार से एक भी मौत नहीं हुई।मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार के इलाज के लिए 100 बिस्तर वाला विशेष अस्पताल एक साल के भीतर बना लेने से इस रोग पर काफी हद तक काबू पाया जा सका। 

उन्होंने आगे लिखा है कि पिछले साल राजद के राजकुमार चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों के परिवार से मिलने तक नहीं गए थे। अब उन्हें कम से कम विशेष अस्पताल तो देख ही लेना चाहिए।विपक्ष रोज बयान देकर पीड़ित परिवारों का मनोबल तोड़ रहा है और स्वास्थ्य सेवाओं के ICU में होने का अनर्गल आरोप लगा रहा है, लेकिन उन्हें कोरोना और चमकी बुखार से निपटने में सरकार की तत्परता दिखाई नहीं पड़ती। 

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