बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

लालू यादव की मांग, नफ़रत और द्वेष फैलाने वाले आरएसएस पर भी पीएफआई की तरह लगे प्रतिबंध

लालू यादव की मांग, नफ़रत और द्वेष फैलाने वाले आरएसएस पर भी पीएफआई की तरह लगे प्रतिबंध

पटना. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने आरएसएस पर भी उसी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग की है जैसे केंद्र सरकार ने पीएफआई पर लगाया है. लालू यादव ने बुधवार को दिल्ली में कहा कि देश में नफ़रत और द्वेष फैलाने वाले सभी संगठन प्रतिबंधित होने चाहिए. इसमें पीएफआई की तरह ही आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. उन्होंने इस मुद्दे पर ट्विट भी और आरएसएस पर प्रतिबंध की मांग को दोहराया. लालू ने सोशल मीडिया पर कहा, PFI की तरह जितने भी नफ़रत और द्वेष फैलाने वाले संगठन हैं सभी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए जिसमें RSS भी शामिल है. सबसे पहले RSS को बैन करिए, ये उससे भी बदतर संगठन है. आरएसएस पर दो बार पहले भी बैन लग चुका है. सनद रहे, सबसे पहले RSS पर प्रतिबंध लौह पुरुष सरदार पटेल ने लगाया था. 

दरअसल, आरएसएस को भाजपा का मातृसंगठन माना जाता है. आरएसएस की गतिविधियों को लेकर पहले भी कई बार कांग्रेस, राजद सहित अन्य दल आक्रामक रहे हैं. अब पीएफआइ पर प्रतिबंध लगने के बाद एक बार फिर से आरएसएस पर प्रतिबंध की मांग की जाने लगी है. लालू यादव पूर्व में भी आरएसएस को प्रतिबंधित करने की मांग कर चुके हैं. अब एक बार फिर से उन्होंने तमाम नफ़रत और द्वेष फैलाने वाले संगठनों को प्रतिबंधित करने की मांग की है. इसमें खास तौर पर आरएसएस का जिक्र करते हुए सबसे पहले आरएसएस को प्रतिबंधित करने की मांग की है. 

इसके पहले जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बुधवार को कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के निर्णय पर भारत सरकार को साक्ष्य सार्वजनिक करना चाहिए. केंद्र नेकिस आधार पर पीएफआई के खिलाफ प्रतिबंध लगाया गया है उन्हें वे सारे साक्ष्य बताने चाहिए. संबंधित मंत्रालय को भी पूरे मुद्दे पर जांच प्रक्रिया और साक्ष्यों को बताना चाहिए ताकि सबको पता चल सके कि किन कारणों से पीएफआई को प्रतिबिंबित किया गया है.

केंद्र सरकार ने बुधवार को पीएफआई पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया. पीएफआई के साथ ही उससे जुड़े तमाम संगठन भी प्रतिबंधित किए गए हैं. इसे लेकर विपक्ष की मिली जुली प्रतिक्रिया आई है. प्रतिबंध को लेकर कई विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार ने सारे तथ्यों को सार्वजनिक करने की मांग की है. 


Suggested News