पटना: बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले विधान परिषद के जरिए चुनाव की रणनीति सेट की जा रही है. विधानसभा कोटे की खाली हुई विधान परिषद की नौ सीटों के लिए सभी दलों में प्रत्याशियों के चयन का काम लगभग फाइल हो चुका है.
तेजस्वी के लिए हर जुगाड़ सेट कर रहे हैं लालू
राजद में यह काम लालू प्रसाद अपने तरीके से कर रहे हैं. लालू यादव तेजस्वी को अपनी विरासत सौंपने के लिए इस बिहार विधानसभा के चुनाव को करो या मरो के हालात के तौर पर देख रहे हैं. यही वजह है कि लालू यादव इस बार हर कदम काफी सोच समझकर रख रहे हैं. विधानपरिषद की खाली नौ सीटों में तीन राजद के हिस्से में आनी है. कैंडिडेट्स का चयन इस तरह किया जा रहा है कि ताकि लालू के समाजावाद पर कई फर्क नहीं पड़े.
थोक वोटरों वाले जातीय समूह पर खास नजर
लोकसभा चुनाव में मात खाने के बाद इस बार राजद चीफ लालू यादव की नजर थोक वोटरों वाले जातिय समूहों पर है. लालू यादव ने राज्यसभा में जो दो सीटें हिस्से आईं थी इसमें से एक पर अपने खास प्रेमचंद गुप्ता को भेजा दूसरे पर राजद से नाराज चल रहे भूमिाहर वोट को मैनेज करने के लिए अमरेंद्रधारी सिंह को राज्यसभा की टिकट दिया. राजद के पास जो विधानपरिषद की तीन सीटें हैं जिसमें से एक मुंबई वाले फारुख शेक के लिए बुक हैं, दूसरी सीट के लिए राजपूत और तीसरी सीट के लिए अति पिछड़े प्रत्याशी पर दांव खेला जाएगा.