PATNA: आज बात बड़े दल के एक सांसद की. सांसद को लेकर उनके संसदीय क्षेत्र में ही जबरदस्त चर्चा शुरू है. चर्चा यह कि नेताजी इस बार बेटिकट हो सकते हैं. इसके पीछे कई तर्क दिए जा रहे हैं. दल के रणबांकुरे अंदर ही अंदर आस लगाए बैठे हैं कि उम्रदराज नेताजी बेटिकट होंगे, फिर पार्टी उनके नाम पर विचार कर सकती है. संभावित कैंडिडेट की लिस्ट में कई के नाम हैं. राजनीतिक चर्चा के अनुसार उम्रदराज सांसद की अब अंतिम पॉलिटिकल पारी चल रही है. लिहाजा इस बार बिंदास होकर काम कर रहे. तभी तो इस पारी में राजीतिक बदनामी से ऊपर उठकर कदम उठा रहे. यानि उन्हें अब बदनामी का डर-भय नहीं रहा. लिहाजा संसदीय क्षेत्र से जुड़े दल के छोटे नेता से कई किस्तों में अपने नाम पर जमीन की रजिस्ट्री करा ली. हर नागरिक को अपने सांसद के बारे में जानने का हक है. हम जिसे चुन कर सदन में भेजते हैं वो जनता का कितना और अपने लिए कितना काम करता है, इसकी जानकारी होना जरूरी है. लिहाजा आज हम आपको सांसद महोदय द्वारा 2021 में अपने नाम पर कराई गई अचल संपत्ति के बारे में बताने जा रहे हैं. अगली कड़ी में वर्ष 2022 का लेखा-जोखा भी बताएंंगे. सांसद महोदय़ के नाम पर 2021 की एक किस्त संपत्ति को जानकर आपके होश उड़ जाएंगे. आप वोट देते रहिए,आपकी वोट की ताकत से माननीय धनकुबेर बनते जाएंगे.
न्यूज4नेशन के पास पहुंचा हाल में अर्जित की संपत्ति के कागजात
सांसद महोदय बड़े दल में बड़े नेता माने जाते हैं. अपने संसदीय क्षेत्र से लगातार चुनाव जीत रहे हैं. लेकिन इस बार क्या होगा...टिकट मिलेगा या बेटिकट होंगे ? इस पर तरह-तरह की चर्चा चल रही है. इन चर्चाओं से अलग हटकर आज हम आपको नेता जी की हकीकत बता रहे हैं. उम्रदराज सांसद महोदय को भी आभास है कि नेतृत्व इस बार टिकट नहीं भी दे सकता है. लिहाजा मन के अंदर से राजनीतिक भय खत्म हो चुका है. जानने वाले बताते हैं कि नेताजी इसके पूर्व खुद के नाम पर संपत्ति खरीदने से बचते थे. लेकिन अब वो बात नहीं रही. न्यूज4नेशन को सांसद महोदय से जुड़े जमीन के कुछ कागजात मिले हैं. जिससे इस बात की पुष्टि होती है कि नेताजी को अब अपने नाम पर आवासीय-कॉमर्शियल जमीन खरीदने से गुरेज नहीं. अब बदनामी का भय खत्म हो चुका है. नेताजी ने 2021-22 में अपने संसदीय क्षेत्र में कई प्लॉट की खरीद की है. हम आपको 2021 में खरीदी गई जमीन जो सांसद महोदय के नाम पर है, उस बारे में बताते हैं. तहकीकात करने पर पता चला कि सांसद महोदय ने दल के ही एक जिलास्तरीय नेता से जमीन की खरीद की है.
सांसद महोदय ने एक दिन में खऱीदी करोड़ों की बेशकीमती जमीन
सांसद महोदय ने नवंबर 2021 में संसदीय क्षेत्र के एक नेता व एक अन्य से लगभग एक एकड़ आवासीय जमीन की खरीद की. इस जमीन का निबंधन संसदीय क्षेत्र के जिला मुख्यालय स्थित निबंधन कार्यालय से कराई गई. कागजात के अनुसार माननीय ने उक्त आवासीय जमीन को अपने नाम पर रजिस्ट्री कराई है. वह जमीन जिला मुख्यालय से महज 5-7 किमी की दूरी पर राष्ट्रीय राजमार्ग से थोड़ा हटकर है. यानि पूर्ण शहरी आवासीय है. कागजात में भी उक्त जमीन को शहरी आवासीय बताया गया है. सरकारी वैल्यू लगभग 30 लाख से अधिक बताई गई है.
दल के नेता से ही सांसद ने ली जमीन
बता दें, सूबे के एतिहासिक जिला से ताल्लुक रखने वाले उम्रदराज सांसद महोदय ने अपने संसदीय क्षेत्र के ही एक बेहद खास नेता से जमीन ली है. जिनसे अपने नाम पर जमीन कराई है वो भी पार्टी जिलाध्यक्ष रह चुके हैं. जिले की सबसे बड़ी पंचायत के भी अध्यक्ष रह चुके हैं. पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य भी रह चुके हैं. विस चुनाव में भी भाग्य आजमा चुके हैं. वे बेहद सरल स्वभाव के नेता माने जाते हैं. कहा जाता है कि सांसद महोदय के चक्कर में अपना काफी कुछ नुकसान भी करा बैठे हैं. इस खबर में सांसद महोदय द्वारा सिर्फ एक वर्ष 2021 में अर्जित संपत्ति के बारे में जानकारी दी है. अगली कड़ी में 2022 में खुद के नाम पर ली गई संपत्ति के बारे में आपको बतायेंगे. न सिर्फ सांसद के संसदीय क्षेत्र बल्कि आमलोगों को भी जानना जरूरी है कि हम जिसे चुनते हैं, उनका कितना विकास हो रहा. इसी मकसद हम आपको कड़ी दर कड़ी जानकारी देते रहेंगे.
केंद्रीय संगठन और सरकार दोनों में संभाल चुके हैं बड़ी जिम्मेदारी
जिस सांसद की संपत्ति के बारे में जानकारी है, वे अपने आप को सबसे अलग बताने वाली पार्टी से ताल्लुक रखते हैं. काफी ऐतिहासिक जगह राष्ट्रपिता की कर्मस्थली से चुन कर आते हैं. पार्टी ने उन्हें काफी सम्मान भी दिया, प्रदेश चलाने की जिम्मेदारी भी दी थी. केंद्र में भी मंत्री बनाकर बड़ी जिम्मेदारी दी गई. पार्टी के राष्ट्रीय संगठन में भी अहम पद दिया गया था. वे कई टर्म से चुनाव जीतते आ रहे हैं. फिर भी अपने संसदीय क्षेत्र में पार्टी लाइन पार करने से भी बाज नहीं आते. पिछले दिनों ही उन्होंने विप चुनाव में खुलकर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ में काम किया था. इसकी जानकारी प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व को भी है.