न्यूज4नेशन- देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव को एक साथ करवाने को लेकर बात आगे बढ़ रही है. अब विधि आयोग ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ करवाने को लेकर आयोग ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी है. इस रिपोर्ट में लोकसभा और विधानसभा चुनाव को एक साथ करवाने को लेकर समर्थन करते हुए संविधान में संशोधन करने की सलाह दी है.
विधि आयोग ने केन्द्र सरकार को सौंपी रिपोर्ट
आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह साफ किया है कि आधे राज्यों में एक साथ चुनाव कराने के लिए संवैधानिक संशोधन की जरूरत नहीं पड़ेगी. आयोग ने रिपोर्ट में बताया है कि 12 राज्यों और एक केन्द्र शाषित प्रदेश में में 2019 के आम चुनाव एक साथ करवाए जा सकते हैं.वहीं 2021 के अंत तक 16 राज्यों और पुडुचेरी के चुनाव आयोजित किए जा सकते हैं. जिसके परिणाम स्वरूप भविष्य में पांच साल की अवधि में केवल दो बार चुनाव होगा. इस मसौदा रिपोर्ट में विधि आयोग ने कहा है कि आयोग इस तथ्य से अवगत है कि संविधान के मौजूदा प्रावधानों में एक साथ चुनाव कराना संभव नहीं है.
लिहाजा आयोग की सलाह है कि, सरकार इसके लिए निश्चित संवैधानिक संशोधन करे.मालूम हो कि केंद्र की मोदी सरकार देश में एक साथ चुनाव कराने के विचार का समर्थन कर रही है. जिसके पीछे तर्क है कि इससे देश के नागरिकों पर चुनावी खर्चों का अतिरिक्त भार कम होगा और बार-बार चुनाव कराने के लिए संसाधनों के इस्तेमाल की बचत होगी.गौरतलब है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ करवाने की वकालत करते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने विधि आयोग को पत्र भी लिखा था. जिसमें अमित शाह ने कहा था कि इससे चुनाव में बेतहाशा खर्च पर लगाम लगागी और देश के संघीय स्वरूप को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी.