PATNA : ट्रस्ट या सोसाइटी से संचालित आईटीआई ने
संस्थान निबंधन का कागजात नहीं सौंपा, तो फर्जी घोषित किया जाएगा। एक सप्ताह के अंदर ऐसे संस्थानों से कागजात नहीं
सौपा तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे आईटीआई में नामांकित छात्र-छात्राओं को
आगामी परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए संस्थान के निदेशक
जिम्मेदार होंगे। बुधवार को श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता
में नियोजन व प्रशिक्षण पक्ष की बैठक में यह निर्णय लिया गया। मंत्री ने कहा कि निजी आईटीआई, जो ट्रस्ट या सोसाइटी के माध्यम से संचालित
हैं,
संस्थान के
निबंधन की कागजात उपलब्ध कराना है। इसमें तीन वर्षों का बिजली बिल एवं जमीन का
विवरण हो। मंत्री ने कहा कि तीन बार निर्देश पत्र देने के बाद भी 489 निजी आईटीआई ने ही कागजात उपलब्ध कराया है।
ऐसे संस्थान जिनके द्वारा आवश्यक कागजात उपलब्ध नहीं कराया गया तो उन्हें फर्जी
संस्थान घोषित किया जाएगा। बैठक में नियोजन व प्रशिक्षण निदेशक धर्मेंद्र सिंह
सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
दूसरे विभागों में प्रतिनियुक्त श्रम संसाधन विभाग के अधिकारी व कर्मी अपने पैतृक विभाग में लौटेंगे। श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कर्मियों की वापसी के लिए राजस्व व भूमि सुधार और ग्रामीण विकास विभाग से अनुरोध किया है। श्रम संसाधन मंत्री ने कहा कि श्रमिकों को लाभ पहुंचाने, सामाजिक सुरक्षा, बाल श्रम उन्मूलन एवं उनके कल्याणार्थ योजनाओं के कार्यान्वयन में कर्मियों की कमी से परेशानी हो रही है। पर्यवेक्षीय संवर्ग के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी की सेवा सरकार के नीतिगत निर्णय के आधार पर 2010 से राजस्व व भूमि सुधार के साथ ग्रामीण विकास विभाग को दी गई है। ग्रामीण विकास विभाग में 12 श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी और राजस्व व भूमि सुधार विभाग में 25 श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी प्रतिनियुक्त पर हैं।