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बिहार में कांग्रेस का लिटमस टेस्ट, तीन सीटों पर जदयू को पटखनी देने की राहुल गांधी की बड़ी तैयारी, भागलपुर से भरेंगे हुंकार

बिहार में कांग्रेस का लिटमस टेस्ट, तीन सीटों पर जदयू को पटखनी देने की राहुल गांधी की बड़ी तैयारी, भागलपुर से भरेंगे हुंकार

पटना. कांग्रेस नेता राहुल गांधी लोकसभा चुनाव प्रचार करने पहली बार बिहार आ रहे हैं.  20 अप्रैल यानी शनिवार को बिहार के भागलपुर में राहुल जनसभा को संबोधित करेंगे. इस बार के लोकसभा चुनाव में यह राहुल का पहला बिहार दौरा होगा. 26 अप्रैल को होने वाले दूसरे चरण के चुनाव में 5 सीटों पर लड़ाई है. इसमें तीन सीटों पर कांग्रेस उम्मदीवार चुनाव मैदान में हैं. वहीं पूर्णिया की सीट पर पप्पू यादव ने निर्दलीय ताल ठोका है जो पहले ही अपने दल का विलय कांग्रेस में कर चुके हैं. ऐसे में राहुल का बिहार दौरा सीमांचल के 5 में से 4 सीटों पर कांग्रेस के लिटमस टेस्ट की तरह है. 

राहुल गांधी 20 अप्रैल को भागलपुर में सभा को संबोधित करेंगे. यहां से अजीत शर्मा कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. लम्बे अरसे के बाद कांग्रेस के उम्मीदवार यहां से मैदान में हैं. यहां जदयू के अजय मंडल सांसद हैं और उन्हें फिर से चुनाव में उतारा गया है. ऐसे में अजय मंडल के खिलाफ अजीत शर्मा के उतरने से मुकाबला काफी रोचक माना जा रहा है. भागलपुर में जातीय समीकरणों का चुनाव पर काफी असर पड़ता है. इसमें मुस्लिम, यादव सहित सवर्ण वर्ग के मतदाताओं की अहम भूमिका होती है. अजीत शर्मा भूमिहार जाति से हैं. इसलिए सवर्णों के बड़े वर्ग का इन्हें साथ मिल सकता है. वहीं मुस्लिम, यादव अगर कांग्रेस के पक्ष में आता है तो यह बड़े फायदे का सौदा हो सकता है. ऐसे में यहां अजय मंडल को इस बार कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ सकता है. अब राहुल के दौरे से यहां अजीत शर्मा के लिए कांग्रेस और मजबूती से मैदान में उतर सकती है. 

कटिहार : कांग्रेस की उम्मीद कटिहार सीट से भी है. कटिहार में तारिक अनवर कांग्रेस उम्मदीवार हैं. तारिक अनवर ने कटिहार से वर्ष 1980 के बाद से अब तक 5 बार लोकसभा का चुनाव जीता है. वे दो बार राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं. यहां तक कि 2014 में मोदी लहर के दौरान भी तारिक ने चुनावी सफलता पाई थी. ऐसे में एक बार फिर से तारिक से कांग्रेस को बड़ी उम्मीद है. यहां जदयू के दुलालचंद गोस्वामी से उनका मुकाबला है. दुलालचंद ने पिछला चुनाव मात्र 57 हजार 203 वोटों से जीता था. ऐसे में इस बार कांग्रेस को यहां तारिक अनवर को लेकर बड़ी उम्मीद है. 

किशनगंज : वर्ष 2019 में एनडीए ने बिहार में 40 में 39 लोकसभा की सीटें जीती थी. लेकिन किशनगंज में कांग्रेस का हाथ सफल रहा था. कांग्रेस ने इस बार मौजूदा सांसद मोहम्मद जावेद को फिर से उम्मीदवार बनाया है. भारत के सबसे बड़े अल्पसंख्यक बहुल सीटों में एक किशनगंज में इस बार जदयू से मुजाहिद आलम उर्फ़ मास्टर मुजाहिद और एआईएमआईएम से अख्तरुल इमान उम्मीदवार हैं. कांग्रेस यहां फिर से जीत का परचम लहराना चाहती है. वहीं जदयू से मुजाहिद आलम और एआईएमआईएम से अख्तरुल इमान मुकाबले के त्रिकोणीय बनाने में लगे हैं. पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में भी यहां त्रिकोणीय मुकाबला हुआ था और कांग्रेस, जदयू तथा एआईएमआईएम के बीच टक्कर हुई थी. अब फिर से उसी स्थिति में कांग्रेस को प्रतिष्ठा बचाने की चुनौती है. 

पूर्णिया : कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय करने के बाद भी पप्पू यादव को टिकट नहीं मिला. अब पूर्णिया में एक ओर जदयू के संतोष कुशवाहा तो दूसरी ओर राजद की बीमा भारती उम्मीदवार हैं. पप्पू यादव ने निर्दलीय पर्चा भरकर मुकाबले को रोचक बना रखा है. भले ही पप्पू यादव निर्दलीय मैदान में उतरे हों लेकिन कांग्रेस ने उन्हें अब तक पार्टी से निकालने की कोई घोषणा नहीं की है. ऐसे में पूर्णिया की लड़ाई भी पप्पू यादव के सहारे कांग्रेस पीछे से बड़ा खेल खेलने को तैयार है. पूर्णिया में यादव, मुस्लिम वोटरों की अहम भूमिका होती है. वोटरों में 7 लाख मुसलमान, 1.5 लाख यादव, 2 लाख अति पिछड़ा, 4 लाख दलित, 1.15 लाख ब्राह्मण और 1 लाख से ज्यादा राजपूत हैं. अब यही मतदाता वर्ग यहां तीनों उम्मीदवारों की किस्मत पर बड़ा फैसला करेगा. ऐसे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के चुनाव प्रचार में आने से इन चारों सीटों पर पार्टी पूरी जोरआजमाइश लगाकर विरोधियों को पछाड़ने में लगेगी. 

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