NALANDA : कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुए पूरे देश में लॉक डाउन को 18 मई तक बढ़ा दिया गया है। इस लॉकडाउन की वजह से प्रतिदिन कमाई कर अपना और अपने परिवार का पेट पालने वालों पर बड़ा असर पड़ा है।
जिले के फल व्यवसायियों की इस लॉकडाउन ने कमर तोड़ कर रख दी है। रमजान का महीना होने के बाद भी इनके फलों की बिक्री नहीं हो पा रही है। आलम यह है कि इन्हें अपना लागत भी नहीं निकल पा रहा है।
जिले में फल का व्यापार करने वाले दिलीप साव ने बताया कि लॉकडाउन के कारण ग्राहक मंडियों तक नहीं पहुंच रहे हैं। जिससे फलों की डिमांड रमजान महीने में भी कम हो रही है। जिसके कारण धंधा मंदा पड़ गया है।
उन्होंने बताया कि बिहारशरीफ बाजार समिति में दूसरे प्रदेशों से फलों को लाया जाता है और यहां से छोटे व्यपारी छोटे-छोटे मंडियों तक फलों को ले जाते है।
दिलीप साव बताते है कि रमजान के महीने में जहां एक दुकानदार के द्वारा हफ्ते में 4 ट्रक फलों की खपत होती थी वहीं अब एक ट्रक फलों की खपत तक सिमट कर रह गई है। आलम यह है कि न तो मजदूरों का किराया निकल पा रहा है और ना ही दुकान का भाड़ा, खपत कम होने की वजह से फल भी ज्यादा दिन तक रखे रहने से सड़ रहे हैं।
नालंदा से राज की रिपोर्ट