SUPAUL/SASARAM: बिहार में दूसरे चरण के लॉकडाउन का कल अंतिम दिन है. एक तरह से देखा जाए तो 20 दिन तक बिहार पूर्णतः लॉक रहा. हालांकि लॉकडाउन की पूरी अवधि में ज्यादातर दुकानदारों ने पुलिस को बहुत सताया. सूबे के हर जिले में दुकानदारों और पुलिस प्रशासन के बीच चूहे बिल्ली का खेल चलता रहा. जहां दुकानदार चोरी छुपे दुकान खोलते दिखे, वहीं पुलिस उनपर जुर्माना लगाती नजर आई.
सुपौल के त्रिवेणीगंज में आम दिनों की तरह ही दुकानें खुली हुई हैं। लोग सामानों की खरीदारी में जुटे हुए हैं। सड़क पर जाम का नजारा व दुकानों में भीड़ से लगता है कि लॉकडाउन लागू नहीं है। ज्यादातर दुकानों में भीड़ कम है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए कोई खास पहल नहीं की जा रही है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने गाइडलाइन में पैदल चलने पर भी पाबंदी लगाई है, मगर बाजार में भीड़ इतनी है कि सड़क पर लंबा जाम लगा हुआ है. लोग तबतक संयमित रहते हैं जबतक पुलिस की गाड़ी गश्त लगाती है. इसके बाद लोग पुन: सोशल डिस्टेंस भूल जाते है, और प्रतिबंधित दुकानें खुल जाती हैं.
दूसरी तरफ सासाराम अनुमंडल क्षेत्र में लॉकडाउन को लेकर रोहतास के जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार खुद दलबल के साथ सड़क पर उतरे। उन्होंने सासाराम के करगहर मोड़ पर बेवजह सड़क पर घूम रहे लोगों को समझाया तथा लॉकडाउन को पालन करने का निर्देश दिया। साथ ही कई वाहन चालकों से भी पूछताछ की। वहीं कई वाहनो का ई-पास भी चेक किया गया। उनके साथ सासाराम सदर के एसडीओ मनोज कुमार भी मौजूद रहे। डीएम ने बताया कि बहुत से लोग लॉकडाउन को लेकर एहतियात नहीं बरत रहे हैं। साथ ही सुबह के समय बहुत से लोग सड़क पर निकल जाते हैं। इसी को देखते हुए वे खुद अधिकारियों के साथ सड़क पर उतरे हैं तथा लोगों से लॉक डॉउन पालन करने का अनुरोध कर रहे हैं। ताकि लगातार बढ़ रहे संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके।