NEWS4NATION DESK : लोकसभा चुनाव के छठे चरणमें बिहार के 8 सीटों पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, वाल्मीकि नगर, शिवहर, वैशाली, सीवान, महाराजगंज और गोपालगंज में चुनाव हो रहे हैं। सुबह सात बजे से ही यहां वोटिंग का कार्य शुरु हो गया है। बड़ी संख्या में मतदाता अपने मतदान का प्रयोग कर रहे है।
प्रदेश के इन आठों के आठो सीटों पर एनडीए बनाम महागठबंधन की लड़ाई है और इसमें करीब आधा दर्जन दिग्गजों जिनमें केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ। रघुवंशप्रसाद सिंह, रामा देवी सहित आधा दर्जन बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है।
पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट से पांच बार के सांसद रहे राधामोहन सिंह के बारे में कहा जा रहा है कि वे अपना आखिरी चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने जो RLSP उम्मीदवार आकाश सिंह हैं। हालांकिवे राजनीति नए हैं। ऐसे में उनके सामने बड़ी चुनौती न सिर्फ जीतने की है बल्कि जीत का मार्जिन भी बरकरार रखने की है। क्योंकि 2014 के चुनाव में राधामोहन सिंह को 49 प्रतिशत वोट मिले थे और निकटतम उम्मीदवार से 2 लाख मतों से जीते थे।
शिवहर सीट पर पिछले दो बार से यहां बीजेपी का कब्जा है। यहां से रमा देवी तीसरी बार सांसद बनने के लिए बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। रमा देवी ने 2014 के चुनाव मेंआरजेडी के मोहम्मद अनवारुल हक को शिकस्त दी थी। इस बार महागठबंधन की तरफ से आरजेडी के सैयद फैजल अली चुनौती देने उतरे हैं।
राजपूत बहुल सीट महाराजगंज पर 2014 के चुनाव में यहां से जनार्दन सिंह सिग्रीवाल बीजेपी के टिकट पर जीतकर सांसद बने थे। 2014 के चुनाव में बीजेपी के जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने दबंग छवि के प्रभुनाथ सिंह को मात दी थी। सिग्रीवाल को 3,20,753 वोट मिले थे। जबकि आरजेडी के प्रभुनाथ सिंह को 2,82,338 वोट। इस सीट पर राजपूत समुदाय से आने वाले बाहुबली नेता प्रभुनाथ सिंह की अच्छी पकड़ मानी जाती है। वे यहां से 4 बार सांसद रहे हैं। विधायक अशोक सिंह हत्याकांड में सजा काट रहे प्रभूनाथ इसबार अपने बेटे को चुनाव मैदान में उतारा हैं। उनके बेटे रणधीर सिंह आरजेडी की टिकट पर सिग्रिवाल के खिलाफ मैदान में है।
वहीं वैशाली का चुनाव अपने आप में बेहद दिलचस्प होने वाला है। 1996 से इस इलाक़े का प्रतिनिधित्व करते रहे रघुवंश प्रसाद सिंह को 2014 की मोदी लहर में लोजपा के राम किशोर सिंह के ख़िलाफ़ उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।पिछली बार लोजपा के राम किशोर सिंह को रघुवंश प्रसाद सिंह की तुलना में 10 प्रतिशत वोट ज्यादा मिले थे। हालांकि इस बार एनडीए की ओर से लोजपा की वीणा देवी प्रत्याशी नई हैं लेकिन वह भी राजपूत बिरादरी से हैं।ऐसे में 2014 का चुनाव हार चुके रघुवंश बाबू के सामने इस इतिहास को बदलने का दारोमदार भी होगा।