Purnia : बड़ी खबर आ रही है बिहार के पूर्णिया से जहां खाना बनाने के क्रम में एलजीपी सिलेंडर में हुए विस्फोट से एक ही परिवार के पांच बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई. घटना बायसी थाना के खपड़ा पंचायत के ग्वाल गांव की है जहां सोमवार की शाम सिलेंडर ब्लास्ट हुआ था. इस हादसे में सात लोग झुलस गए थे जिनको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
परिजनों के मुताबिक़ सोमवार की शाम बायसी थाना के खपड़ा में वीरेंद्र यादव के घर में खाना बनाने की तैयारी चल रही थी. घर का घरेलू गैस सिलेंडर पहले से लिक कर रहा था. इसी दौरान घर की महिला ने चूल्हा जलाने के लिए जैसे ही लाइटर जलाया कि सिलेंडर ब्लास्ट कर गया और घर में आग लग गई. सिलेंडर ब्लास्ट करने के कारण जोर का धमाका भी हुआ. आग लगने की खबर सुनकर आसपास के लोग दौड़कर आए और आग को बुझाया जा सका. इसके बाद सभी को इलाज के लिए पूर्णिया सदर अस्पताल लाया गया.
घायलों में से पांच ने मंगलवार की सुबह इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. मृतकों में 5 बच्चे शामिल हैं जिनके नाम गगन कुमार, रुचि कुमारी, अमन कुमार, प्रियांशु कुमार और प्रीति कुमारी हैं जबकि पिंटू यादव और बेबी देवी अभी भी नाजुक स्थिति में हैं. हादसे का शिकार हुए सभी लोग एक ही परिवार के सदस्य हैं.
LPG सिलेंडर का इस्तेमाल करने में इन 8 बातों का जरूर रखें ध्यान
गैस नली के साथ रबर ट्यूब बदलें. सुरक्षा नली अग्निरोधी हैं, इसलिए ज्यादा सुरक्षित है और लेकिन इसका इस्तेमाल 5 साल तक ही करें. खाना पकाते समय सूती कपड़ें पहने.
लीक की जांच करने के लिए जलती माचिस की तीली का प्रयोग न करें. एक आसान तरीका है, कि कुछ सेकंड के लिए सिलेंडर वाल्व पर अंगूठा रखे, रिसाव के मामले में आप रिसने वाली गैस का दबाव महसूस कर सकते हैं. साबुन के घोल को डाट / लीक के लिये केवल जाँच के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
पहले माचिस की तीली जलाए, फिर बर्नर नॉब को खोलें.
गैस लीक होने की स्थिति में रेग्युलेटर और बर्नर नॉब्स को बंद करें. सभी दरवाजे और खिड़कियां खोल दें. बिजली के स्विच ऑन ना करें. तुरंत डिस्ट्रीब्यूटर से संपर्क करें.
सिलेंडर से जुड़ी नायलॉन धागे के साथ सुरक्षा कैप को संभाल कर रखें. यदि कोई हो रिसाव हैं तो रोकने के लिए वाल्व पर कैप लगा दें
कभी भी बर्तन को, जलते बर्नर पर ना छोड़ें. उबाल आने पर लौ बुझ सकती हैं और गैस रिसाव का कारण बन सकता है. गैस स्टोव हमेशा सिलेंडर से ऊपर प्लेटफॉर्म पर रखें.
रात को सोते समय रेग्यूलेटर जरूर बंद कर दें. बच्चों को एलपीजी लगी जगह पर खेलने की अनुमति न दें. एलपीजी. लगाने के बाद से हर दो साल में जांच करवाएं.
सिलेंडर की एक्सपाइरी डेट भी जरूर चेक करें.