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जपते रहे नीतीश नाम की माला फिर भी मिला ठन-ठन गोपाला,पहले लोस फिर रास बाद में विप और अब विधायक बनने पर भी फिरा पानी...!

जपते रहे नीतीश नाम की माला फिर भी मिला ठन-ठन गोपाला,पहले लोस फिर रास बाद में विप और अब विधायक बनने पर भी फिरा पानी...!

PATNA: बिहार में विस की सीटों को लेकर महागठबंधन में मचा रार थमने का नाम नहीं ले रहा है. मांझी के बाद अब रालोसपा ने भी महागठबंधन से मुंह मोड़ लिया है. रालोसपा चीफ उपेन्द्र कुशवाहा ने आज इसका ऐलान कर दिया है. उपेन्द्र कुशवाहा ने नया मोर्चा बना लिया है. कुशवाहा ने मायावती की पार्टी बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। उपेन्द्र कुशवाहा ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस बात की घोषणा की. बीएसपी के साथ इस मोर्चे में जनवादी सोशलिस्ट पार्टी भी शामिल है.

राजद की तरफ से भाव नहीं मिलने पर रालोसपा के एक बड़े नेता नीतीश गान करने में जुट गये थे।उनको लग रहा था कि नीतीश गान करने से कुछ बात बन जाएगी और जेडीयू-बीजेपी दया दिखायेगी।लिहाजा आरएलएसपी में अपने आप को नंबर दो बताने वाले नेता माधव आनंद  कल तक नीतीश कुमार की जयकार कर रहे थे। वैसे उपेन्द्र कुशवाहा ने स्पष्ट कर दिया था कि उकी कोई बात जेडीयू-बीजेपी नेताओं से नहीं हुई है। लेकिन उनके पार्टी के नेता माधव आनंद मीडिया में जाकर नीतीश कुमार की शान में कसीदे पढ़ रहे थे।शायद उन्हें लगता था कि मांझी की तरह उपेन्द्र कुशवाहा को एनडीए स्वीकार कर लेगी।अगर ऐसा होता है तो उनके लिए लॉटरी लग सकती है। इसलिए वे नीतीश कुमार की पार्टी को खुश करने के लिए हर वो शब्द प्रयोग कर रहे थे वो किये जा सकते थे।

कुछ मिलने की आस में लगा रहे थे जयकारा

तीन दिन पहले से नीतीश कुमार को लेकर रालोसपा के महासचिव माधव आनंद की भाषा बदली हुई थी। पार्टी के नेता माधव आनंद कुशवाहा के उलट नीतीश कुमार के सम्मान में हर उपमा का प्रयोग कर रहे थे। रालोसपा के महासचिव माधन आनंद कह रहे थे कि नीतीश कुमार हमारे लिए आदरणीय हैं,वे बिहार के मुख्यमंत्री हैं। उनसे हमलोगों की कोई निजी दुश्मनी नहीं. वे बिहार के कद्दावर नेता हैं ।पंद्रह सालों तक बिहार की जनता ने उनको आशीर्वाद दिया है आगे भी दे सकती है।

नीतीश का माला जपने के बाद भी ठन-ठन गोपाला 

रालोसपा के नेता माधव आनंद द्वारा नीतीश गान करने के बाद भी कुछ फायदा नहीं मिला। आज उपेन्द्र कुशवाहा ने नये गठबंध का ऐलान कर दिया और पंद्रह साल पहले और वर्तामन की पंद्रह साल वाली सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान कर दिया।

2019 लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए खूब मारा था हाथ-पांव

दरअसल आरएलएसपी के नेता माधव आनंद 2019 से चुनाव लड़ने को बेताब हैं। 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन में सीट बंटवारे से पहले ही उन्होंने  मोतिहारी लोकसभा क्षेत्र से चुनावी तैयारी शुरू कर दी थी।दो महीनों तक गांवों में खूब दौड़ लगाई । लेकिन ऐन वक्त पर पत्ता साफ हो गया। यूं कहें कि कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने अपने बेटे के लिए मोतिहारी सीट माधव आनंद से छीन ली। इसके बाद माधव आनंद के लिए माया मिली न राम वाली स्थिति हो गई। वैसे चुनाव तो नहीं ही लड़े लेकिन अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा को बदनाम जरूर कर गये. कुशवाहा के खासम खास ने प्रेस कांप्रेंस कर माधव आनंद पर पैसे से टिकट खरीदने का आरोप लगाया था। माधव आनंद को जब लोकसभा का टिकट नहीं दी गई तो आश्वासन मिला कि आपको राज्यसभा भेजा जाएगा।जब राज्यसभा की सीटें भी नहीं मिली तो हाल ही में विधान परिषद की एक सीट पर अपनी उम्मीदवारी पेश कर दी लेकिन वहां भी फेल हो गये। इस बार उनकी पूरी कोशिश थी कि महागठबंधन या एनडीए से गठबंधन होता है तो वे विधायक का चुनाव लड़ेंगे। महागठबंधन से संबंध खराब होने के बाद वे नीतीश कुमार के गुणगान में जुट गए।वे सोमवार तक नीतीश कुमार का खूब गुणगान करते रहे,लेकिन बात नहीं बनी और आज कुशवाहा ने नये गठबंधन का ऐलान कर दिया।    


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